पटना मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के तहत कॉरीडोर एक में प्रस्तावित पटना मेडिकल कॉलेज का मेट्रो स्टेशन भूमिगत होगा. यह भूमिगत मेट्रो स्टेशन पीएमसीएच में इलाज के लिए पूरे प्रदेश से आने वाले लोगों के लिए जीवन रेखा के रूप में काम करेगा और निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेगा. पीएमसीएच अस्पताल परिसर के नीचे बन रहा यह मेट्रो स्टेशन जमीन से 16.50 मीटर नीचे होगा. वहीं इस मेट्रो स्टेशन की लंबाई लगभग 227 मीटर होगी. यह भूमिगत मेट्रो स्टेशन दो मंजिला होगी और यहां से प्रवेश व निकास के लिए दो गेट का निर्माण किया जाएगा.
निर्बाध कनेक्टिविटी के साथ साथ जाम से भी मिलेगी राहत
अशोक राजपथ का इलाका पटना शहर के सबसे भीड़ भाड़ वाले एवं व्यस्ततम स्थानों में से एक कहा जाता है. यह शहर के प्रमुख व्यावसायिक गतिविधियों, सरकारी अस्पतालों, बाजार परिसर और कॉलेजों का केंद्र है. यहां पीमसीएच मेट्रो स्टेशन भूमिगत मेट्रो स्टेशन यातायात की भीड़ को कम करने के साथ साथ जाम से भी राहत देने का काम करेगा. यह मेट्रो स्टेशन न केवल पटना मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (पीएमसीएच) एवं पटना मार्केट क्षेत्र को मेट्रो कनेक्टिविटी से जोड़ेगा बल्कि इस स्टेशन के शुरू होने से सड़क पर वाहनों की संख्या में भी कमी आएगी. ऐतिहासिक गांधी मैदान से एनआईटी मोड़ तक लगने वाले जाम से भी लोगों को राहत मिलेगी.
डीएमआरसी ने बताया कि पीमसीएच मेट्रो स्टेशन के प्रस्ताव में पैदल यात्रियों के आने-जाने और यातायात प्रबंधन का भी विशेष रूप से ध्यान रखा गया है. पीएमसीएच परिसर के अंदर दो प्रवेश या निकास द्वार होंगे जहां वर्तमान में पीएमसीएच के विकास का कार्य चल रहा है.
प्रवेश-निकास द्वार 1 : इलाज के अस्पताल आने वाले मरीज व अन्य लोगों की सुविधा के लिए यह प्रवेश/निकास द्वार पीएमसीएच अस्पताल परिसर में बनेगा. यहां कोनकोर्स के लिए सीढ़ियां, एस्केलेटर व लिफ्ट बनेंगे.
प्रवेश – निकास द्वार 2 : इस प्रवेश/निकास द्वार को लोगों की सुविधा के लिए पटना मार्केट के अंदर रखा गया है. यहां भी सीढ़ियां और लिफ्ट बनेगी.
जमीन से 16.50 मीटर नीचे होगा स्टेशन
पीएमसीएच अस्पताल परिसर के नीचे से गुजरने वाली प्रस्तावित मेट्रो स्टेशन लगभग 227 मीटर लंबी और जमीन से 16.50 मीटर नीचे होगा. दो तल वाला यह मेट्रो स्टेशन कुछ प्रमुख संस्थानों, मार्केट हब, पीएमसीएच, दरभंगा हाउस (पीएमसीएच के उत्तर), बी.एन. कॉलेज जैसे संस्थानों को कनेक्टिविटी प्रदान करेगा. इसके अलावा पटना डेंटल कॉलेज, अंजुमन इस्लामिया हॉल, सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थान, दवा बाजार, चिकित्सा दुकानें, कैथोलिक चर्च, सिविल कोर्ट, बांकीपुर डाकघर, पीरबहोर थाना जानें वाले लोगों को भी यह मेट्रो स्टेशन काफी सहूलियत प्रदान करेगी. इसके साथ ही ओलाके के प्रमुख बाजार जैसे गोविंदा मित्रा रोड, पटना बाजार, हथुवा बाजार और पटना विश्वविद्यालय, साइंस कॉलेज आदि को भी ये स्टेशन मेट्रो कनेक्टिविटी से जोड़ेगी.
दो तल्ले का होगा भूमिगत मेट्रो स्टेशन
दो तल्ले वाले स्टेशन का लेवल एक पर कॉनकोर्स होग. कॉनकोर्स लेवल पर यात्री-केंद्रित सुविधाएं जैसे टिकट काउंटर, सार्वजनिक सुविधा जैसे शौचालय, सुरक्षा जांच आदि होंगी और प्लेटफॉर्म लेवल 2 पर होगा. ये सभी तल एक-दूसरे से जुड़े होंगे.
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स्टेशन में सार्वजनिक उपयोग के लिए एक लिफ्ट के साथ-साथ स्टेशन के दोनों छोर तक जाने के लिए दो सीढ़ियां व एस्केलेटर दी गई हैं.
दिव्यांग व्यक्तियों की सहायता के लिए अतिरिक्त यात्री केंद्रित सुविधाएं जैसे सड़क स्तर पर स्टेशन के प्रवेश द्वार से लेकर अंत प्लेटफार्म स्तर तक स्पर्शनीय टाइलों (ब्रेल) का प्रावधान है.
ट्रेन के प्रवेश द्वार और मेट्रो स्टेशन के प्लेटफार्म एक ही स्तर पर होंगे.
ढलान के साथ प्रवेश रैंप मानदंडों के अनुसार, उचित साइनेज, लिफ्ट के अंदर ब्रेल प्रणाली आदि की सुविधा दी जाएगी जिससे दिव्यांगजनों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े.
आपातकालीन स्थितियों के लिए व्यवस्था
किसी भी आपातकालीन स्थिति में स्टेशन पर तीन फायर एस्केप का निर्माण प्रस्तावित है, जिनमें से एक स्टेशन परिसर से बाहर निकलने के लिए प्लेटफॉर्म और कॉन्कोर्स को सीधे जोड़ता है, हालांकि अन्य दो फायर एस्केप (सीढ़ियों) का उपयोग करके यात्रियों को प्लेटफॉर्म से कॉन्कोर्स तक निकाला जाएगा और वहां से स्टेशन परिसर से बाहर निकलने के लिए दो प्रवेश/निकास में से कोई भी लिया जा सकता है. आपातकालीन स्थितियों में स्टेशन परिसर में प्रवेश करने के लिए अग्निशामकों के लिए एक अलग से फायरमैन सीढ़ी भी उपलब्ध कराई जाएगी है.