Patna Metro Project: पटना के अशोक राजपथ पर प्रस्तावित पटना मेट्रो के यूनिवर्सिटी स्टेशन का लुक सामने आया है. जमीन से 16 मीटर नीचे लगभग 160 मीटर लंबे इस मेट्रो स्टेशन की दो तस्वीरें भी सामने आई हैं. यूनिवर्सिटी मेट्रो स्टेशन पटना मेडिकल कॉलेज (पीएमसीएच) और मोइन-उल-हक मेट्रो स्टेशन से चंद मिनटों की दूरी पर होगा. दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने बताया कि प्रस्तावित विवि मेट्रो स्टेशन अशोक राजपथ के आसपास, पटना सिटी, गुलजार बाग, एनआइटी मोड़, खजांची रोड, गोविंद मित्रा रोड आदि स्थानों में रहने वाले लोगों के लिए एक वरदान होगा. इसके कारण ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी और लोग आसानी से एक जगह से दूसरी जगह आ जा सकेंगे.
स्टेशन में एंट्री- एग्जिट के लिए होंगे तीन गेट
डीएमआरसी ने बताया कि इस स्टेशन को तीन प्रवेश एवं निकास द्वारों के साथ इस प्रकार बनाया जा रहा है कि मेट्रो की सवारी करने वाले लोगों को सहूलियत हो सके. इसका पहला प्रवेश – निकास द्वार पटना साइंस कॉलेज के सामने प्रस्तावित है. दूसरा प्रवेश-निकास द्वार एनआइटी मोड़ के पास जबकि तीसरा प्रवेश – निकास द्वार राजकीय शमसुल हुदा मदरसा परिसर के भीतर होगा.
दो तल का होगा स्टेशन
दो तल के स्टेशन में लेवल वन पर कान्कोर्स होगा. कान्कोर्स पर यात्री केंद्रित सुविधाएं जैसे टिकट काउंटर, जन-सुविधाएं जैसे सुरक्षा जांच आदि जबकि लेवल दो पर मेट्रो ट्रेन में चढ़ने के लिए प्लेटफॉर्म होगा. ये सारे तल आपस में और भूतल से जुड़े होंगे.
कहां- कहां होंगी लिफ्ट, एस्केलेटर और सीढ़ियां
अधिकारी ने बताया कि इस स्टेशन में लोगों के उपयोग के लिए छह एस्केलेटर और पांच सीढ़ियां होंगी. इनमें एक एस्केलेटर और एक सीढ़ी प्रवेश / निकास द्वार संख्या 2 / 3 पर होगी. प्रवेश – निकास द्वार 1 पर यात्रियों के आने-जाने के लिए एक सीढ़ी होगी. कान्कोर्स लेवल से प्लेटफॉर्म लेवल पर यात्रियों के आने – जाने के लिए चार एस्केलेटर एवं दो सीढ़ियां होंगी. दिव्यांग जनों, बुजुर्गों एवं अन्य जरूरतमंद लोगों की सुविधा के लिए प्रत्येक प्रवेश – निकास द्वार पर भूतल से कान्कोर्स तल पर आने-जाने के लिए तीन लिफ्ट होंगी.
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डीएमआरसी ने बताया कि किसी आकस्मिक स्थिति से निबटने के लिए स्टेशन में तीन फायर निकास होंगे, जिनमें से एक प्लेटफॉर्म और कान्कोर्स को सीधे निकास से जोड़कर लोगों को बाहर निकलेगा. अन्य दो फायर निकास की मदद से यात्रियों को प्लेटफॉर्म से कान्कोर्स पर सुरक्षित निकाला जा सकेगा. वहां से तीन में से कोई भी एक प्रवेश – निकास द्वार का प्रयोग कर बाहर निकल जा सकता है. फायरमैन के स्टेशन में प्रवेश के लिए अलग से एक सीढ़ी प्रस्तावित है, जिसके द्वारा वे किसी आकस्मिक स्थिति में स्टेशन में प्रवेश कर सकेंगे.
Also Read: पटना मेट्रो डिपो बनाने के लिए तोड़े जाएंगे ये घर, विरोध कर रहे लोगों को भेजा गया नोटिससभी अंडरग्राउंड स्टेशन होंगे आइलैंड नुमा
पटना मेट्रो के सभी अंडरग्राउंड स्टेशन के प्लेटफार्म आइलैंड नुमा होंगे. अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन पर जब आप खड़े होंगे तो आपके दोनों ओर गाड़ियां चलेंगी. मेट्रो की पटरियां प्लेटफॉर्म के समानांतर दोनों ओर होंगी जहां से दोनों तरफ से मेट्रो ट्रेन गुजरेंगी.
2019 में पटना मेट्रो के लिए हुआ था एमओयू
पटना मेट्रो परियोजना के लिए 25 सितंबर 2019 को दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे. कुल 31.39 किमी लंबे पटना मेट्रो का दानापुर से मीठापुर हिस्सा 16.94 किमी लंबा है. वहीं पटना रेलवे स्टेशन से न्यू आईएसबीटी का हिस्सा 14.45 किलोमीटर लंबा है. दिल्ली मेट्रो टेंडर, सिविल कार्यों के लिए ठेकेदारों का चयन, सिस्टम (सिग्नलिंग, संचार, ईएंडएम आदि), रोलिंग स्टॉक, एएफसी, सिविल वर्क सिस्टम, सुरक्षा, गुणवत्ता और अन्य सहित पूरी परियोजना के कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार है. संपूर्ण पटना मेट्रो परियोजना के लिए एकमात्र डिपो पाटलिपुत्र बस टर्मिनल के पास प्रस्तावित है.
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कुल स्टेशन : 26
एलिवेटेड : 13 स्टेशन (13.91 किमी)
अंडरग्राउंड : 13 स्टेशन (18.59 किमी)