बिहार के जनवितरण दुकानदारों की हड़ताल मंगलवार को राज्य सरकार से वार्ता के बाद फिलहाल समाप्त हो गयी. खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने राशन न बांटने वाले डीलर्स के खिलाफ प्रस्तावित कार्यवाही वापस लेने की घोषणा की. इससे पहले राज्य भर के जनवितरण प्रणाली के दुकानदारों ने पटना में प्रदर्शन किया. उनके प्रतिनिधि मंडल ने दोपहर बाद खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव विनय कुमार से मुलाकात की.
केंद्र से मंजूरी के बाद जारी होगी मार्जिन मनी
सचिव ने आश्वस्त किया कि मार्च 2022 तक की मार्जिन मनी जारी कर दी गयी है. शेष मार्जिन मनी केंद्र से मंजूरी के बाद जारी कर दी जायेगी. सचिव ने बताया कि उनके इस आश्वासन के बाद डीलर्स ने हड़ताल वापस लेने की बात कही है.
आठ महीनों की मार्जिन मनी का भुगतान किया जायेगा
वार्ता के दौरान सरकार ने साफ कर दिया कि डीलरों की बकाया आठ महीनों की मार्जिन मनी का भुगतान किया जायेगा. दिसंबर में खाद्यान्न बांटने के लिए जिन डीलरों ने अपने पैसे से खाद्यान्न खरीदा, उसका पाई-पाई भुगतान किया जायेगा. प्रतिनिधिमंडल ने एक दिन पूर्व खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्री लेशी सिंह से भी मुलाकात की थी.
मार्च 2022 तक दी जा चुकी है मार्जिन मनी
प्रदेश में 3500 दुकानें ऐसी हैं , जिनके पैसा देकर उठाये खाद्यान्न की मात्रा, उन्हें फ्री में उपलब्ध कराये खाद्याान्न से कम है. खाद्य विभाग के सचिव विनय कुमार ने बताया कि अप्रैल 2020 से मार्च 2022 तक की शतप्रतिशत मार्जिन मनी दी जा चुकी है. अब आठ माह की मार्जिन मनी हमें देनी है. विभाग ने साफ किया है कि प्रदेश में दिसंबर में राशन बांटने के लिए करीब साढ़े नौ हजार दुकानों ने तो खाद्यान्न का उठाव ही नहीं किया है.
ये मांग नहीं मानी : राशन डीलरों के मानदेय तय करने और अनुकुंपा नियुक्ति की उम्र सीमा में वृद्धि.
केंद्र को प्रस्ताव भेजा गया है
बिहार खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री लेशी सिंह ने कहा कि हम लोग राशन डीलरों से सहानुभूति रखते हैं. उनकी जरूरी मांगे पर हम पहले से ही सहमत है. इसके लिए जरूरी कदम उठाये गये हैं और आगे भी उठा रहे हैं. खासतौर पर हम उनकी मार्जिन मनी देने को तैयार हैं. केंद्र को प्रस्ताव भेजा है.
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