पटना. किसानों के फसल और उद्यान नष्ट करने के साथ मानव जीवन को क्षति पहुंचानेवाले जंगली जीवों को पकड़ने का काम अब मुखिया के अनुमति से वन एवं पर्यावरण विभाग द्वारा किया जायेगा. वन एवं पर्यावरण विभाग की ओर से इसको लेकर पंचायती राज विभाग से सहमति मांगी गयी थी. पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने बताया कि विभाग की ओर से सहमति दे दी गयी है.
पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने बताया कि जंगली जानवरों में नीलगाय (घोड़परास) और सुअरों के कारण किसानों और ग्रामीण के फसलों के साथ मानव जीवन को नुकसान पहुंचाया जाता है. ऐसे में राज्य के सभी आठ हजार से अधिक पंचायतों के मुखिया को अधिकार दिया गया है कि वह फसल का नुकसान पहुंचानेवाले जंगली जानवारों को पकड़ने की अनुमति दे सकेंगे. उन्होंने बताया कि ग्रामीणों द्वारा जंगली जानवरों से फसलों की क्षति या इंसानों के जान की क्षति पहुंचाने पर आवेदन मुखिया को दिया जायेगा.
मुखिया की अनुमति देने के बाद ही वन एवं पर्यावरण विभाग द्वारा उन पंचायतों के जंगली जानवरों के पकड़ने की कार्रवाई की जायेगी. मालूम हो कि राज्य के बहुत से जिलों में जंगली जानवरों द्वारा फसलों का नुकसान पहुंचाया जाता है. इसके कारण किसानों को लाखों की हानि होती है. पंचायती राज विभाग की अनुमति मिलने के बाद अब वन एवं पर्यावरण विभाग द्वारा अब आसानी से जंगली जानवरों को पकड़ा जा सकता है.
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