सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर थानों में सीसीटीवी लगाए गए. ताकि थाने के अंदर की गतिविधियों पर ध्यान रखा जा सके. लेकिन कइ थानों में पुलिसकर्मी कैमरे की नजर से बचने के लिए उससे छेड़छाड़ करने से भी नहीं बाज आते. इस बात को बिहार पुलिस मुख्यालय ने भी माना है और अब इसे लेकर सख्त निर्देश जारी किये गये हैं. कैमरे से छेड़छाड़ करने वाले पुलिस पदाधिकारी और पुलिसकर्मी अब नपेंगे.
पुलिसकर्मियों के द्वारा थाने में लगे सीसीटीवी से छेड़छाड़ को लेकर अब मुख्यालय ने निर्देश जारी किये हैं.मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सभी जिलों के एसपी को मुख्यालय ने पत्र लिखा है. जिसमें कहा गया है कि कोई भी पुलिसकर्मी अगर ऐसा करते हुए देखे गये तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. कैमरे से छेड़छाड़ करने वाले चाहे पुलिस पदाधिकारी हों या कर्मी, नपेंगे.
पुलिस मुख्यालय ने अपने निर्देश में स्पष्ट किया है कि थानों में लगे सीसीटीवी को चालू रखने, उसके रखरखाव और रिकॉर्डिंग की तमाम जिम्मेदारी संबंधित थाने के थानाध्यक्षों की होगी. पत्र में लिखा गया है कि किसी भी थाने के कैमरे अगर काम नहीं कर रहे हों तो उसकी जिम्मेदारी भी थानेदार की है. अगर कैमरा खराब हो जाए तो कोई भी पुलिसकर्मी खुद इसे ठीक करने का प्रयास नहीं करे.
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जिलों के एसपी को लिखा गया है कि सीसीटीवी से छेड़छाड़ करने वालों को चिह्नित करें और खुद कार्रवाई करके इसकी जानकारी पुलिस मुख्यालय को दें.बता दें कि पुलिस की कार्रवाई में पारदर्शिता के लिए सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्देश दिया था कि थानों में सीसीटीवी लगाया जाए. वहीं मानवाधिकार के मामले में पीड़ित पक्ष को फुटेज उपलब्ध कराने का भी जिक्र किया गया था.
थाना स्तर पर होने वाली कार्रवाई और अन्य बातों को छिपाने के मकसद से पुलिसकर्मियों के द्वारा सीसीटीवी में छेड़छाड़ की आशंका पुलिस मुख्यालय को है. इसलिए अब इसे गंभीरता से लेते हुए निर्देश जारी किये गये हैं. बता दें कि भागलपुर जिले के बरारी थाना में एक बार थाने के अंदर का कैमरा छत की ओर मुडाया हुआ पाया गया था. मीडिया ने इसकी तसवीर भी बाहर कर दी थी.
Published By: Thakur Shaktilochan