पटना : बिहार में कोरोना संक्रमण से लोगों के बचाव में जुटी बिहार पुलिस पर सूबे के कई इलाकों में हुए हमले की घटनाओं से पुलिसकर्मियों में आक्रोश बढ़ रहा है. सिपाही, दारोगा और डीएसपी-एएसपी स्तर के पदाधिकारियों की एसोसिएशन एकजुट हो गयी है. तीनों एसोसिएशन के अध्यक्ष गुरुवार को पुलिस मुख्यालय पहुंचे और डीजीपी से मांग की कि वह सरकार से आग्रह करें कि कानून में बदलाव किया जाये. दोषी लोगों पर रासुका के तहत कार्रवाई की जाये.
औरंगाबाद के गोह के अकोनी में बीते दिन स्वास्थ्य विभाग की टीम पर ग्रामीणों के हमले की जांच करने गये दाउदनगर के एसडीपीओ राजकुमार तिवारी और उनके बॉडीगार्ड को ग्रामीणों ने हमला कर घायल कर दिया था. मोतिहारी में भी पुलिस पर हमला हुआ है. सिपाही से हवलदार रैंक के पुलिस कर्मियों के नेता एवं बिहार पुलिस मेंस एसोसिसएशन के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र कुमार धीरज, बिहार पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष इंस्पेक्टर मृत्युंजय कुमार सिंह और बिहार पुलिस सर्विस एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं एएसपी फतुआ मनीष कुमार ने संयुक्त रूप से बैठक की.
डीजीपी के माध्यम से सरकार तक अपनी बात पहुंचाते हुए उन्होंने बिहार सरकार से मांग की है कि ऐसी घटनाओं को रोकने और दोषियों पर कार्रवाई के लिए अलग कानून बनाया जाये. बिहार पुलिस मेंस एसोसिसएशन के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र कुमार धीरज का कहना है कि पुलिस कर्मियों और स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला सभ्य समाज के लिए कलंक है. इन विषम परिस्थितियों में सिपाही जान की बाजी लगाकर जिन लोगों की सेवा कर रहे हैं, वही हमला कर रहे हैं. ऐसे लोगों पर रासुका लगाना चाहिए. मृत्युंजय कुमार सिंह ने कहा कि हमला करनेवालों पर हत्या का मुकदमा चला कर त्वरित न्यायालय से सजा दिलायी जाये. राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की जाये.
एएसपी मनीष कुमार, अध्यक्ष, बिहार पुलिस सर्विस एसोसिएशन