पाटलीपुत्र यूनिवर्सिटी में हुए विवाद में विश्वविद्यालय ने छात्र नेता विकास यादव उर्फ विकास बॉक्सर के खिलाफ मामला दर्ज कराया था जिसके बाद छात्र नाराज हो गए हैं. बड़ी संख्या में कॉमर्स कॉलेज के छात्र हाथ में तिरंगा लिए पाटलीपुत्र विश्वविद्यालय के सामने धरने पर बैठ गए और विवि प्रबंधन के खिलाफ नारे बाजी शुरू कर दी.
छात्रों का कहना था की यह सारा मामला बीते 2 मई को हुए आंदोलन से जुड़ा हुआ है जिसमें विश्वविद्यालय प्रबंधन छात्र नेता पर झूठे आरोप लगा रहा है. विवि में हो रहे आर्थिक घोटाले के खिलाफ हमारे द्वारा किए गए प्रदर्शन के कारण ही विकास यादव को झूठे आरोप में फंसाने की कोशिश की जा रही है. छात्रों द्वारा विवि के परीक्षा नियंत्रक को इसके लिए दोषी बताया जा रहा है.
परीक्षा नियंत्रक की मनमानी को लेकर विरोध कर रहे छात्रों ने सड़क पर टायर जलाकर अपना विरोध प्रदर्शित किया. इस दौरान छात्र हाथों में तिरंगा झंडा लिए हुए नारे बाजी करते हुए भी दिखे. छात्रों ने परीक्षा नियंत्रक को पूरे घटना का जिम्मेदार बताते हुए उनके गिरफ़्तारी की मांग की है. पुलिस भी इस दौरान स्थिति को नियंत्रित करने में लगी रही.
विश्वविद्यालय की तरफ से बताया गया की विकाश के नेतृत्व में 10-12 छात्र परीक्षा विभाग में घुस गए थे. छात्र परीक्षा नियंत्रक और उप परीक्षा नियंत्रक के साथ अभद्र व्यवहार और गाली-गलौज करने लगे. उन्होंने कुछ कॉपियों में जबरन नंबर बढ़ाने की भी मांग की जिस पर अधिकारियों ने मना किया तो उनपर गलत आरोप लगाकर उनसे मारपीट करने लगे.
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जिस वक्त छात्र विश्वविद्यालय मुख्यालय में आए थे उस वक्त कर्मियों और पदाधिकारियों की संख्या कम थी जिस वजह से छात्रों ने मारपीट की घटना को अंजाम दिया. उन्होंने बताया की विश्वविद्यालय में अधिकारी से मिलने का समय निश्चित है. शाम साथ बजे के बाद विवि में परीक्षा संबंधी कार्य होता है जिसमें गड़बड़ी करने के लिए ये छात्र आए थे.