प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत बनने वाले मकानों पर अब सरकार की निगरानी तेज है. योजना का पैसा लेकर मकान का काम पूरा नहीं करने वाले लाभूक अब बिहार सरकार के निशाने पर हैं. ऐसे लाभुकों को अब नोटिस भेजा जा रहा है जिन्होंने सरकार से पैसे लेकर भी मकान का काम अभी तक पूरा नहीं किया है. अगर नोटिस भेजने के बाद भी मकान निर्माण का कार्य पूरा नहीं किया जाएगा तो ऐसे लाभुकों के उपर अब सरकार कार्रवाई भी करेगी.
दरअसल, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाभुकों को तीन किस्तों में योजना का पैसा दिया जाता है. इस योजना के तहत पक्का मकान बनाने के लिए सरकार के द्वारा एक लाख 20 हजार रूपये दिये जाते हैं. वहीं उग्रवाद प्रभावित जिलों में एक लाख 30 हजार रूपये की राशि दी जाती है. इस राशि भुगतान में केंद्र सरकार 60 प्रतिशत और राज्य सरकार 40 प्रतिशत की हिस्सेदारी निभाती है. जिन लाभुकों को नोटिस भेजा जा रहा है वो ऐसे लोग हैं जो सरकार से पहली या दूसरी किस्त तक ले चुके हैं लेकिन मकान का निर्माण कार्य अधूरे में छोड़ चुके हैं.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2016-17 से 2020-21 तक 32 लाख 60 हजार 978 आवास बनाने का लक्ष्य रखा गया था. जिसमें 26 लाख 87 हजार आवास के लिए स्वीकृति दे दी गयी और 26 लाख 51 हजार लाभुकों को पहली किस्त जारी कर दी गयी है. लेकिन अभी तक केवल 20 लाख आवास ही पूरे हुए हैं. इसे पूरा करने के लिए अब सरकार ने नोटिस भेजना शुरू कर दिया है.
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बता दें कि आवास योजना का पैसा लेकर काम बीच में छोड़ देने वालों को तीन बार चेतावनी सरकार देती है. सबसे पहले उन्हें सफेद नोटिस भेजा जाता है. उसके बाद भी अगर लाभुक इसे गंभरता से नहीं लेता है तो उसे लाल नोटिस भेजा जाता है. उसके बाद भी असर नहीं पड़ने पर तीसरी बार आगाह किया जाता है और कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी जाती है. अंतिम प्रक्रिया के तौर पर कानूनी कार्रवाई की जाती है और राशि वसूली भी किया जाता है.
Posted By: Thakur Shaktilochan