पटना. राज्य में बाढ़ से बांधों की निगरानी के लिए प्रत्येक 1150 मीटर पर एक स्थानीय प्रहरी की अस्थायी तैनाती की गयी है. इन्हें पारिश्रमिक दिया जाता है और ये बांधों में होने वाले किसी भी खतरे की सूचना तुरंत जल संसाधन विभाग सहित स्थानीय प्रशासन को उपलब्ध करवाते हैं. इनकी सूचना पर तुरंत कार्रवाई करते हुए बांधों को सुरक्षित करने का काम किया जाता है. फिलहाल राज्य में करीब 3800 किमी लंबाई में बांधों की निगरानी के लिए 3341 स्थानीय प्रहरियों की अस्थायी तैनाती की गयी है. आवश्यकतानुसार इनकी संख्या बढ़ाने की योजना है. इसके साथ ही अधिकारियों और अभियंताओं के राज्यस्तरीय और जोन के अनुसार व्हाट्सएप ग्रुप बनाये गये हैं.
इस ग्रुप में जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा सहित विभाग के मुख्यालय के वरीय अधिकारी भी हैं. ग्रुप में आने वाली तस्वीरों और सूचनाओं पर सभी निगाह बनाये हुए हैं और किसी भी तरह की समस्या का त्वरित समाधान व्हाट्सएप ग्रुप में ही बता रहे हैं. वहीं, जल संसाधन विभाग ने मुख्यालय स्तर पर निगरानी के लिए 11 वरीय अधिकारियों को एक-एक प्रक्षेत्र या अंचल आवंटित किया है. अति संवेदनशील और संवेदनशील स्थलों पर नौ वरीय अभियंताओं की प्रतिनियुक्ति कर दी गयी है. वे सभी स्थिति की निगरानी कर रहे हैं. साथ ही विभाग के स्तर पर बाढ़ संघर्षात्मक दलों का भी गठन किया गया है. इन दलों के वरीय अधिकारी स्थल निरीक्षण कर जरूरी निर्देश दे रहे हैं.
Also Read: Patna News: सीओ 50 अंक लाने के लिए दाखिल-खारिज के आवेदन कर दे रहे रद्द, अब डीसीएलआर करेंगे मामले की जांच
जल संसाधन विभाग ने सोशल मीडिया के जरिये भी आम लोगों से अपील की है कि वे बांधों में कटाव, रिसाव या अन्य किसी तरह के नुकसान पहुंचाए जाने की सूचना दे सकते हैं. इससे बाढ़ से बचाव में मदद मिल सकेगी. यह सूचना ट्विटर या फेसबुक पर विशेष हैशटैग हेलोडब्ल्यूआरडी (#HelloWRD) के साथ शेयर कर विभाग के पास पहुंचा सकते हैं. व्हाट्सएप की मैसेजिंग सुविधा की भी विभाग द्वारा शुरुआत की गयी है.