पटना के वार्ड 22बी की पार्षद सुचित्रा सिंह के पति नीलेश मुखिया की मौत के बाद गुरुवार को आक्रोशितों ने जमकर प्रदर्शन किया. पप्पू, धप्पू और गोरख राय की गिरफ्तारी को लेकर हाथों में तख्ती लेकर समर्थकों ने सड़क को जाम कर दिया. प्रदर्शन में अधिक संख्या में महिलाएं थी, जिसका नेतृत्व नीलेश मुखिया की भतीजी कर रही थी. दोपहर साढ़े 12 बजे के बाद धीरे-धीरे आक्रोशितों की भीड़ बढ़ गयी. लोगों ने देखते ही देखते टायर जलाकर सड़क को जाम कर दिया. कई जगहों पर बांस-बल्ला लगा दिया. महिलाएं ताबा, कलछुल और छोलनी लेकर सड़क पर उतर गयी. इस दौरान कई आम लोगों को भी भीड़ ने खदेड़ दिया. इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल भी तैनात रही. पुलिस को लगा कि दोपहर में बारिश के बाद समर्थक हटेंगे, लेकिन बारिश के बाद भी समर्थक डटें रहें. यही नहीं समर्थकों ने शास्त्रीनगर थानाध्यक्ष की गाड़ी को भी रोक दिया. गांधी मैदान और दानापुर से आने वाले वाहनों को दूसरे रास्ते का सहारा लेना पड़ा.
समर्थकों और पुलिस में हल्की नोंक-झोंक
प्रदर्शन के दौरान समर्थकों और पुलिस के बीच हल्की नोंक-झोंक भी हुई. एक तरफ पुलिस समर्थकों को जाम हटाने की अपील कर रही थी, वहीं दूसरी ओर महिला, बच्चे व युवक बांस बल्ला लाकर सड़क का घेराव कर रहे थे. यह देख जब पुलिस लोगों को समझाने की कोशिश की तो भीड़ उग्र हो गया. इसी को लेकर पुलिस और समर्थकों के बीच नोंक-झोंक हो गई. परिजनों ने कहा कि नीलेश मुखिया अपनी जान की गुहार पुलिस के सामने लगाते रहें, लेकिन उनकी सुरक्षा के लिए न पुलिस प्रशासन ने कुछ किया और न ही सरकार ने. नतीजा यह हुआ कि उनकी दिनदहाड़े हत्या कर दी गयी. आरोपितों को पुलिस बचाने का प्रयास कर रही है.
परिजनों ने कहा: बंद करना चाहिए था स्कूल
नीलेश की मौत की सूचना मिलते ही सांई मंदिर से लेकर कुर्जी मोड़ के बीच की सारी दुकानें बंद थी. यहां तक कि पीएंडएम मॉल बंद रहा. गेट पर मॉल क्लोज का पर्चा चिपका दिया गया और गेट को लॉक कर दिया गया था. स्कूली बच्चों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. परिजनों ने कहा कि स्कूल को बंद कर देना चाहिए था. मालूम हो कि जिस दौरान हंगामा शुरू हुआ उसी दौरान लोयला और डॉन बॉस्को के स्कूल की छुट्टी हो गयी. इस वजह से स्कूल के पास पुलिस बल को तैनात कर दिया गया, ताकि किसी तरह की कोई परेशानी न हो. स्कूल के पास पुलिस ने बैरिकेडिंग कर दिया ताकि कोई भी असामाजिकतत्व स्कूल की ओर न आ सके. स्कूली वाहनों को भी कुर्जी मोड़ की ओर जाने से मना कर दिया गया.
घर पर शव पहुंचते ही बेहोश हो गयी पत्नी…
नीलेश मुखिया का शव जैसे ही कुर्जी स्थित आवास पर पहुंचा कि समर्थकों की भारी संख्या में भीड़ जुट गयी. नीलेश के शव को देख पार्षद पत्नी सुचित्रा सिंह बेहोश हो गयी. वहीं बेटा और बेटी दोनों दहाड़ मार-मार कर रोने लगे. परिजन शव से लिपट कर रो रहे थे और बार-बार कह रहे थे कि अगर पुलिस समय पर नीलेश के आवेदन पर कार्रवाई करती तो आज ये सब नहीं होगा. बार-बार सुरक्षा और जान का खतरा होने के बारे में जानकारी दीघा थाना को दिया गया, लेकिन इसके बावजूद पुलिस ने कुछ कार्रवाई नहीं की. बेटे ने जेपी सेतु स्थित घाट पर नीलेश को मुखाग्नि दी.
रविशंकर प्रसाद ने कहा: प्रदेश की कानून-व्यवस्था ठप
अंतिम यात्रा में कई नेता पहुंचे. बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि प्रदेश की कानून व्यवस्था पूरी तरह ठप हो चुकी है. पुलिस अबतक हत्या के पीछे का न तो कारणों का पता लगा पायी है और न ही मुख्य आरोपितों को पकड़ा है. वहीं उन्होंने नीलेश के परिजनों को इस दुख की घड़ी में ढाढस बंधाते हुए कहा कि पूरी बीजेपी सरकार उनके परिवार के साथ है. वहीं सांसद पप्पू यादव भी घाट और प्रदर्शन स्थल पर पहुंच सरकार पर हमला बोला. कहा कि एक व्यक्ति पुलिस के सामने अपनी सुरक्षा की गुहार लगाता रहा और उसे सुरक्षा नहीं मिली. उसकी हत्या कर दी गयी.
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पुलिस की माने तो वर्चस्व, राजनीति और बालू के खेल की वजह से नीलेश यादव उर्फ नीलेश मुखिया की हत्या हुई है. लेकिन शुक्रवार को लोगों के बीच यह चर्चा थी कि नीलेश ने मेयर पद पर खड़ी पप्पू की भाभी रजनी देवी का समर्थन नहीं किया था और किसी और का समर्थन किया था. इसलिए वह विरोधियों के टारगेट पर थे. वहीं दूसरी ओर बालू के कारोबार को लेकर भी बात सामने आयी है, जिसमें नीलेश को बालू का कारोबार करने वाले विरोधियों के नजर पर चढ़ा लिया था. फिलहाल इस मामले में दो शूटर की ही गिरफ्तारी हो पायी है.