केंद्रीय राज्य मंत्री रामदास आठवले के नीतीश कुमार को लेकर दिए एक बयान के बाद बिहार में सियासी हलचलें बढ़ गई है. रामदास आठवले ने शनिवार को पटना में पत्रकारों से बातचीत के क्रम में बिहार के सीएम नीतीश कुमार को NDA में आने का खुला ऑफर दे दिया. इसके साथ ही उन्होंने मुंबई में होने वाली बैठक में नहीं जाने की अपील भी कर दी. आगे उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के साथ हम लोग के अच्छे संबंध रहे हैं. उन्हें एक बार फिर से एनडीए में वापस आ जाना चाहिए. उनके इस बायान के बाद बिहार में सियासी हलचलें तेज हो गई है.
रामदास आठवले ने कहा कि नीतीश कुमार विपक्षी दलों के गठबंधन का नाम ‘I.N.D.I.A’ से खुश नहीं है. उनको मुंबई की बैठक में नहीं जाना चाहिए. विपक्षी दलों के गठबंधन का नया नाम ‘I.N.D.I.A’ राहुल गांधी का दिया हुआ नाम है. उन्होंने कहा कि वे अगर हम लोगों के साथ आते हैं तो बेहतर होता. बीजेपी ने जदयू को कम सीट मिलने के बावजूद उन्हें सीएम बनाया था. बताते चलें कि केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास आठवले पटना में अपने विभाग के योजनाओं की आज समीक्षा भी करेंगे. इसके साथ ही पिछड़ा और दलित वर्ग के अधिकारियों के साथ बैठकर भी करेंगे.
बिहार में पिछड़े और दलित वर्ग के लोगों की हत्या की बढ़ी घटनाओं पर अपनी नाराजगी भी व्यक्त की. उन्होंने कहा कि बिहार में अन्य राज्यों की अपेक्षा अधिक हमले हुए हैं. नीतीश कुमार को इस संबंध में सोचना चाहिए. उन्होंने कहा कि बिहार में दलितों के लिए काम संतोषजनक नहीं हुआ है. सरकार को और योजनाएं बनाने की जरूरत है. इंटरकास्ट मैरेज पर उन्होंने कहा कि बिहार में काफी हुआ है. जबकि बिहार सरकार इसके लिए एक लाख रुपए देती है.
वहीं केंद्र सरकार इंटर कास्ट मैरेज वालों को 2.5 लाख रुपये देती है. केंद्रीय मंत्री ने लोगों से इस योजना का लाभ लेने की अपील की. रोहिणी कमिटी की रिपोर्ट को लेकर उन्होंने कहा कि देश में जाति के आधार पर जनगणना होनी चाहिए. पिछड़े के साथ- साथ सामान्य जातियों की भी जनगणना होगी चाहिए. पिछड़े वर्ग को तीन भागों में बांटकर आरक्षण तय किया जाना चाहिए. रामदास आठवले ने कहा कि जिस तरह महाराष्ट्र में परिवर्तन हुआ है. उस तरह बिहार में भी परिवर्तन होना चाहिए.