पटना. जल जीवन सर्वेक्षण की रिपोर्ट में घर-घर तक नल का जल पहुंचाने के मामले में पंजाब पहले स्थान पर पहुंच गया है. वहीं, बिहार नौवें स्थान पर है. केंद्र सरकार हर तीन माह में पूरे देश में सर्वेक्षण कराती है, ताकि योजना का लाभ लेने वालों की स्टीक जानकारी मिल सके. अक्तूबर की रिपोर्ट में बताया गया है कि योजना की जांच, नया कनेक्शन, शिकायत को दूर करने में बिहार की स्थिति बेहतर नहीं है.
टॉप 10 में सबसे निचले स्थान पर है तेलंगाना
आंकड़ों को देखें, तो प्रथम स्थान पर पंजाब उसके बाद हरियाणा, गुजरात, पांडुचेरी, गोवा, अंडमान एंड निकोबार, दादर एंड नगर हवेली एंड दमन, हिमाचल, बिहार और दसवें नंबर पर तेलंगाना है. बिहार में नल-जल योजना का 99 प्रतिशत तक काम पूरा हो गया है. बावजूद इसके नवादा, वैशाली, बक्सर, कैमूर, लखीसराय, भोजपुर, बेगूसराय, गोपालगंज में काम की रफ्तार धीमी होने के कारण रैंकिंग घटी है. अधिकारियों के मुताबिक कई जिलों में काम की गति तकनीकी कारणों से धीमी है. इसे तेज करने का निर्देश जिलों को दिया गया है.
बिहार सरकार की हर घर नल का जल योजना क्या है
देश में लोगों को पीने का साफ़ पानी उपलब्ध कराने के लिए पानी के लिए भारत सरकार ने साल 2019 में पेयजल योजना शुरू की. उसका उद्देश्य हर ग्रामीण घर में साल 2024 तक नल का पानी उपलब्ध कराना है. वित्त मंत्री ने साल 2019 के केंद्रीय बजट में पेयजल योजना की घोषणा की थी. इधर, बिहार सरकार की ओर से हर घर नल जल योजना का शुभारंभ 28 अगस्त 2020 में किया गया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हर घर नल से जल योजना को बाद में केंद्र ने आत्मसात कर लिया. नीतीश कुमार की यह योजना पटना जिले के 871 वार्ड में हर घर में पानी पहुंच चुका है. बिहार के हर घर में शुद्ध पेयजल पहुंचाने की इस योजना से राज्य भर के 56,000 वार्ड में नल लगाने का लक्ष्य तय किया गया है. हर घर नल से जल योजना का लाभ लेने वाले परिवार को प्रतिमाह 30 रुपये शुल्क देना है.
हर घर नल का जल
हर घर नल का जल योजना का उद्देश्य बिहार के हर नागरिक को बगैर किसी भेदभाव के स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना है. नीतीश कुमार राज्य के 2 करोड़ परिवारों को उनके घर में पीने का साफ़ स्वच्छ पानी उपलब्ध कराना चाहते हैं, जिसे बिहार के लोगों के समेकित सहयोग से पूरा किया जाना है. इस योजना के तहत सभी घरों में पाइप का जल पहुंचाने और लोगों का हैंडपंप और पेयजल के अन्य साधनों पर निर्भरता समाप्त करने की कोशिश की जा रही है.
नीतीश कुमार के इस निश्चय को पूरा करने हेतु चार योजना शुरू की गई है
-
मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना
-
मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना ( गुणवत्ता प्रभावित क्षेत्र )
-
मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना ( गैर गुणवत्ता प्रभावित क्षेत्र )
-
मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना
मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना
मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना 27 सितंबर 2016 से शुरू की गई है. इस योजना के तहत राज्य के 4291 ग्राम पंचायत के सभी परिवार को पाईप के माध्यम से नल से स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति की जानी है. हर घर नल का जल योजना का कार्यान्वयन बिहार सरकार के पंचायती राज विभाग द्वारा कराया जा रहा है. सामुदायिक सहभागिता से राज्य के ग्रामीण क्षेत्र में हर घर को नल से जल उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया है.
मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल (गुणवत्ता प्रभावित क्षेत्र) निश्चय योजना
मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल (गुणवत्ता प्रभावित क्षेत्र) निश्चय योजना 27 सितंबर 2016 से शुरू की गयी है. हर घर नल से जल योजना का कार्यान्वयन वैसे पंचायत से कराया जा रहा है, जहां का जल आयरन, फ्लोराइड या आर्सेनिक आदि से प्रभावित है. नल से जल योजना के तहत राज्य के 3,079 फ्लोराइड प्रभावित ग्रामीण वार्ड, 2,556 आर्सेनिक प्रभावित वार्ड एवं 20,093 आयरन प्रभावित वार्ड को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जाना है. सभी परिवारों को पाईप के माध्यम से नल द्वारा स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति की जा रही है. इस योजना का कार्यान्वयन लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग द्वारा कराया जा रहा है.
मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल (गैर गुणवत्ता प्रभावित क्षेत्र) निश्चय योजना
मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल (गैर गुणवत्ता प्रभावित क्षेत्र) निश्चय योजना को 27 सितंबर 2016 में शुरू किया गया है. मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल (गैर गुणवत्ता प्रभावित क्षेत्र) निश्चय योजना का कार्यान्वयन गुणवत्ता प्रभावित पंचायत के गुणवत्ता प्रभावित नहीं होने वाले इलाके में किया जा रहा है. इसमें वैसे इलाके भी शामिल हैं जिन पंचायत में जहां लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग द्वारा पेयजल आपूर्ति की योजना पहले से चलाई जा रही है. इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र के 20,637 वार्ड के सभी परिवार लाभान्वित होने वाले हैं.
मुख्यमंत्री शहरी पेयजल निश्चय योजना
मुख्यमंत्री शहरी पेयजल निश्चय योजना भी इसी वक्त शुरू हुई है. इस योजना का कार्यान्वयन नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा किया जा रहा है. इस योजना के तहत राज्य के 143 नगर निकाय के 3381 शहरी वार्ड के 15,71,643 घरों में नल-जल से पेयजल आपूर्ति की जानी है. अगले पांच वर्षों में इस योजना के जरिए हर परिवार तक शुद्ध नल का जल पहुंचाने का लक्ष्य बनाया गया है.