बिहार को जल्द ही एक नए एक्सप्रेस-वे का सौगात मिलने जा रहा है. प्रदेश के रक्सौल से बंगाल के हल्दिया तक ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए डीपीआर तैयार किया जा रहा है. करीब 695 किमी लंबाई में रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे का निर्माण 2023 में शुरू होगा. इस परियोजना में करीब 54 हजार करोड़ रुपये की लागत लगेगी. इसके साथ ही इस सड़क को पूरा करने की समय सीमा 2025 तय की गयी है.
बिहार के नौ जिलों से गुजरेगा रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे
रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेस वे बिहार के कई जिलों से होकर झारखंड व पश्चिम बंगाल के हल्दिया तक पहुंचेगा. इस दौरान यह राज्य के करीब नौ जिलों से होकर गुजरेगा. इनमें पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, मुजफ्फरपुर, सारण, पटना, बिहारशरीफ, शेखपुरा, जमुई और बांका शामिल हैं. इसके बाद यह एक्सप्रेस-वे झारखंड में प्रवेश कर सरैयाहाट, नोनीहाट व दुमका से पश्चिम बंगाल के पानागढ़ से हल्दिया पोर्ट चला जायेगा. इस एक्सप्रेस-वे पर बीच में नहीं चढ़ा जा सकेगा.
देवघर से काठमांडू की दूरी 12 घंटे में पूरी की जा सकेगी
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने नेपाल पोर्ट से पश्चिम बंगाल के हल्दिया पोर्ट की कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए रक्सौल से हल्दिया एक्सप्रेस-वे की स्वीकृति दी है. इस सड़क के बन जाने से देवघर से काठमांडू की दूरी महज 12 घंटे में पूरी की जा सकेगी.
माल भेजने में भी मिलेगी सुविधा
दरअसल नेपाल के लिए भारत के अलावा ज्यादातर माल अन्य देशों से आता है, लेकिन नेपाल जाने के लिए माल हल्दिया सी-पोर्ट पर ही उतरता है. हल्दिया पोर्ट पर जहाज से माल उतरता है और ट्रक व ट्रेन के माध्यम से रक्सौल के सिरिसिया स्थित ड्राइपोर्ट पहुंचता है. यहां से माल की डिलिवरी रक्सौल व भारत के नजदीकी शहरों में होती है. वहीं ,नेपाल में आने वाला माल रक्सौल ड्राइपोर्ट से झारखंड व पश्चिम बंगाल के लिए भेजा जाता है. नया एक्सप्रेस-वे बनने से माल भेजने में भी सुविधा मिलेगी.