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बिहार में अफसरशाही और मंत्री मदन सहनी की नाराजगी पर बोले RCP सिंंह, जानिये क्या किया दावा…

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने मंत्री मदन सहनी प्रकरण को लेकर कहा कि राजनेताओं और अधिकारियों के बीच समन्वय के लिए संवाद बना रहना और समय-समय पर प्रशिक्षण मिलना जरूरी है. उन्हें कानून-व्यवस्था की जानकारी मिलनी चाहिए. वह रविवार को जदयू प्रदेश मुख्यालय के कर्पूरी सभागार में वर्चुअल सम्मेलन के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे.

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने मंत्री मदन सहनी प्रकरण को लेकर कहा कि राजनेताओं और अधिकारियों के बीच समन्वय के लिए संवाद बना रहना और समय-समय पर प्रशिक्षण मिलना जरूरी है. उन्हें कानून-व्यवस्था की जानकारी मिलनी चाहिए. वह रविवार को जदयू प्रदेश मुख्यालय के कर्पूरी सभागार में वर्चुअल सम्मेलन के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे.

मंत्री मदन सहनी की नाराजगी पर कहा 

मंत्री मदन सहनी की नाराजगी के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि अपना घर है, यदि कोई नाराज होता है तो अपनी बात मुखिया के सामने कहता है. वह कभी रूठे हुए नहीं थे, ऐसे में मनाने की जरूरत नहीं. मदन सहनी के दिल्ली में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से मुलाकात की अटकलों पर आरसीपी सिंह ने कहा कि पब्लिक लाइफ में कोई किसी से भी मिल सकता है. संसद सत्र के दौरान वह भी अलग-अलग पार्टी के नेताओं से मिलते हैं. सबसे अच्छे संबंध हैं.

एनडीए सरकार बिहार में पांच साल चलेगी- आरसीपी सिंह

आरसीपी सिंह ने कहा कि राजनीति में हमारी पार्टी के लोग परेशानी होने पर अपनी बात रखते हैं, लेकिन सभी लोगों की आस्था और विश्वास मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रति है. उन्होंने कहा कि जदयू के कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जाता है. उन्होंने दावा किया कि एनडीए सरकार बिहार में पांच साल चलेगी.

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विपक्ष को गलतफहमी नहीं पालनी चाहिए

दो-तीन महीने में सरकार गिरने के विपक्ष के दावों पर आरसीपी सिंह ने कहा कि बहुत गलतफहमी नहीं पालनी चाहिए. राज्य सरकार को गिरी हुई सरकार बताने के तेजस्वी यादव के बयान पर उन्होंने कहा कि आदमी में कमजोरी हो सकती है, आदमी में गिरावट हो सकती है. सरकार तो व्यवस्था और संस्था है, इसमें गिरावट कैसे हो सकती है?

प्रशिक्षण मिले

अधिकारियों पर मनमानी के आरोप पर उन्होंने कहा कि अधिकारियों और कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण मिलना चाहिए. झारखंड से बंटवारे के बाद बिहार में प्रशिक्षण की जिस तरह की व्यवस्था होनी चाहिए थी, वह शुरुआत से नहीं थी. बंटवारे के बाद महत्वपूर्ण प्रशिक्षण संस्थान झारखंड चले गये. उन्होंने कहा कि नेताओं और अधिकारियों के बीच तालमेल नहीं, समझ की कमी है. अधिकारियों और कार्यकर्ताओं की अपनी-अपनी जिम्मेदारी है. समन्वय के लिए उनके बीच संवाद बना रहना चाहिए और समय-समय पर प्रशिक्षण होना चाहिए.

Posted By: Thakur Shaktilochan

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