तमिलनाडु में प्रवासी बिहारी मजदूरों के साथ कथित हिंसा मामले में फर्जी वीडियो के जरिये तनाव फैलाने के आरोपियों की तलाश में बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) लगातार छापेमारी कर रही है. फर्जी वीडियो मामले में इओयू ने दो एफआइआर दर्ज की है, जिसमें आठ लोग नामजद अभियुक्त बनाये गये हैं. इनमें से अब तक तीन अभियुक्त अमन कुमार, राकेश तिवारी और राकेश रंजन कुमार की गिरफ्तारी हुई है.
दिल्ली भेजी गयी छह सदस्यीय टीम
फर्जी वीडियो मामले में मनीष कश्यप, युवराज, अनिल कुमार, आदित्य कमार व एक अन्य की तलाश में बिहार के विभिन्न जिलों से लेकर दिल्ली में छापेमारी हो रही है. अभियुक्त की गिरफ्तारी को लेकर इओयू के डीएसपी के नेतृत्व में छह सदस्यीय टीम को दिल्ली भेजा गया है. इसके साथ ही फरार आरोपियों के भोजपुर, पटना सहित राज्य के अन्य ठिकानों पर भी उनकी तलाश जारी है.
फेसबुक-ट्विटर को फिर भेजा गया रिमाइंडर
इओयू सूत्रों के मुताबिक फर्जी और वायरल वीडियो के मामले में फेसबुक, ट्विटर सहित अन्य सोशल मीडिया प्रबंधकों से संबंधित साक्ष्य की मांग को लेकर पत्र लिखा गया था, जिसका जवाब अब तक नहीं मिला है. इनको फिर से रिमाइंडर भेजने की तैयारी चल रही है. वहीं, फर्जी वीडियो अपलोड करने वाले सोशल मीडिया अकाउंट को भी चिह्नित करने की कार्यवाही चल रही है. ऐसे सभी वीडियो की पहचान उनके इंटरनेट यूआरएल के माध्यम से की जा रही है.
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नफरत फैलाने वाले यू-ट्यूब चैनल हो सकते हैं बंद
नफरत फैलाने वाले यू-ट्यूब चैनलों को बंद किये जाने के सवाल पर एडीजी (मुख्यालय) जेएस गंगवार ने कहा कि कांड दर्ज होने के बाद आइपीसी व आइटी एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत कानूनी कार्रवाई हो रही है. इसमें ऐसे चैनल ब्लॉक करने या डिएक्टिव कराने जैसी कार्रवाई भी हो सकती है.