राजेश कुमार ओझा
Bihar Politics नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के नेतृत्व वाली नई महागठबंधन सरकार (Mahagathbandhan Government) में आरजेडी कोटे से भूमिहारों को भी मौका मिलेगा. सूत्रों का कहना है कि बीजेपी से नाराज चल रहे भूमिहार समाज के लोगों को अपने साथ मिलने के लिए तेजस्वी यादव ने इसपर अपनी सहमति दे दी हैं. पार्टी में विधान सभा में कोई भी भूमिहार समाज का विधायक नहीं है. इसको देखते हुए पार्टी हाल में चुने गए तीन विधान पार्षदों में से किसी एक को मौका दे सकती है.
पिता लालू प्रसाद यादव के पुराने राजनीतिक सिद्धांतों से इतर तेजस्वी यादव नए सिद्धांत गढ़ते हुए बिहार में जातीय राजनीति को भी साधने की कोशिश की है. एक तरफ जहां उनके पिता लालू प्रसाद यादव ‘भूराबाल’ साफ करो की बात करते थे वहीं तेजस्वी यादव लगातार अपनी पार्टी को केवल मुस्लिमों और यादवों की पार्टी वाली छवि से बाहर निकालने की कोशिश कर रहे हैं. यही कारण है कि उन्होंने बिहार की प्रमुख सवर्ण जातियों को अपने साथ मिलाने की जुगाड़ में लगे हुए हैं. A to Z का नारा देते हुए उन्होंने अपनी पार्टी को मुस्लिमों और यादवों की पार्टी वाली छवि से बाहर निकालने की कोशिश कर रहे हैं.
भूमिहार कोटा से पार्टी के पास तीन पार्षद हैं. कार्तिक कुमार, सौरभ और अजय. सूत्रों का कहना है कि जदयू सांसद ललन सिंह चाहते हैं कि सौरभ आरजेडी कोटे से मंत्री बने. इसलिए इनकी संभावना ज्यादा दिख रही है. इधर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में बनी महागठबंधन सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर मंथन जारी है. रविवार को इसको लेकर पटना में एक अणे मार्ग में सीएम नीतीश कुमार के आवास पर महत्वपूर्ण बैठक हुई. बैठक में जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह और पार्टी के शीर्ष नेता मौजूद थे. मीटिंग के बाद विजय चौधरी ने पत्रकारों से कहा कि 16 अगस्त को मंत्रिमंडल विस्तार (Bihar Cabinet Expansion) हो सकता है. यह पूछने पर कि कौन-कौन लोग मंत्री बनाए जाएंगे, उन्होंने कहा कि इस पर सोमवार को अंतिम मुहर लग जाएगी.