बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री अपने पांच दिवसीय कार्यक्रम के लिए 13 मई को पटना आ रहे हैं. लेकिन उनके आगमन से पहले ही महागठबंधन की राजद और भाजपा में विवाद छिड़ गया है. राजद ने एक तरफ जहां विरोध करने एवं घेराव करने का ऐलान कर रखा है. तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी में शायद ही कोई बड़ा नेता बचा हो जिसने बागेश्वर सरकार के समर्थन में बयान नहीं दिया है.
बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो चंद्रशेखर ने कहा है कि बाबा बागेश्वर अगर नफरत फैलाने के मकसद से आयेंगे तो बिहार इसकी इजाजत नहीं देगा. यह एकदम साफ है. उन्होंने कहा कि बिहार को नफरत का प्रयोग स्थल नहीं बनने दिया जायेगा. शिक्षा मंत्री ने कहा कि भाजपा नफरत पैदा करने वाली पार्टी है. नफरत का नाम भाजपा भी है. हालांकि उन्होंने साफ किया कि बागेश्वर बाबा माइंड रीडर है. इसके सिवाय कुछ नहीं. बाबा बागेश्वर भगवान कैसे हो गये? भगवान होने की इजाजत किस ने दी. यह लोग छद्म लोग हैं यह लोग धर्म की दुकान चला रहे हैं. यह लोग देश के लिए ठीक नहीं हैं. हालांकि उन्होंने साफ किया कि प्रजातंत्र है. किसी को आने जाने से रोका नहीं जा सकता है.
बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि बिहार के गौरवमयी अतीत का स्मरण कर सभी को बागेश्वर धाम के कथावाचक पंडित धीरेंद्र शास्त्री का स्वागत और सम्मान करना चाहिए. उन्होंने कहा कि बिहार की धरती ज्ञान, विज्ञान, शांति और अहिंसा की रही है. लोकतंत्र की जननी बिहार में अतिथि को देवता के रूप में पूजा जाता है. ऐसे में सत्ता एवं विपक्ष दोनों को बिहार की मर्यादा को ध्यान में रखते हुए पंडित धीरेंद्र शास्त्री के कार्यक्रम में सकारात्मक सहयोग प्रदान करना चाहिए. श्री सिन्हा ने कहा कि धर्म निरपेक्षता का यह मतलब नहीं है कि अपने धर्म का अपमान करें. ऐसे सभी बयानों से हमें बचना होगा जो समाज में उत्तेजना और नफरत फैलाता हो.
अखिल भारतीय सर्व ब्राह्मण महासभा गया जी धाम ने बाबा बागेश्वर धाम के बिहार आगमन का स्वागत किया है. महासभा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ मधुरेंदु पांडेय ने कहा है कि बिहार किसी की जागीर नहीं है कि बाबा बागेश्वर धाम को आने से कोई रोक दे. हिम्मत है, तो कोई रोक के दिखाए. पांडेय ने कहा कि ब्राह्मणों को कमजोर होने की भ्रम न पाले लोग. इतिहास गवाह है सनातन धर्म और भारत की संस्कृति की रक्षा के लिए शास्त्र के साथ शस्त्र भी ब्राह्मण उठाने से नहीं चूकता. उन्होंने कहा कि ब्राह्मणों के प्रति जिस तरह से बयानबाजी हो रही है, वह समाज व राष्ट्रहित में नहीं है.
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राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि यदि नीतीश कुमार में हिम्मत है तो पटना आते ही संत धीरेंद्र शास्त्री को गिरफ्तार करें, बजरंग दल पर प्रतिबंध लगायें और रामनवमी पर हुए हिंसक उपद्रव की न्यायिक जांच के लिए आयोग गठित करें. मोदी ने कहा कि बाबा बागेश्वर धाम को बिहार में घुसने न देने की धमकी, बजरंग दल पर प्रतिबंध की मांग, श्रीरामचरित मानस की निंदा, राम मंदिर का विरोध, सासाराम-बिहार शरीफ में पथराव-बमबाजी से पीड़ित अनेक राम भक्तों को ही दंगाई घोषित कर एकतरफा कार्रवाई करना और ब्राह्मणों को विदेशी बताना यह साबित करता है कि महागठबंधन सरकार वोट बैंक के लिए पूरी तरह हिंदू विरोधी हो गयी है. क्या यही आपकी ””धर्मनिरपेक्षता”” है?