राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद कल 15 अगस्त को पटना आ सकते हैं. इसकी पूरी संभावना बतायी जा रही है. राजद के कार्यकर्ता इसको लेकर उत्साहित हैं. दस सर्कुलर रोड स्थित राबड़ी देवी के आवास पर सीढ़ियों से फिसल जाने के बाद से राजद सुप्रीमो पहली बार बिहार लौट रहे हैं. अब उनका स्वास्थ्य बेहतर है. लालू प्रसाद की वापसी उस समय हो रही है, जब उनकी पार्टी एक अरसे बाद सत्ता में लौटी है. जानकारों के मुताबिक 16 अगस्त को राज्य सरकार में मंत्री परिषद गठन की संभावना है.
अब यह साफ हो चुका है कि राजद सुप्रीमो ही प्रदेश में महागठबंधन सरकार के गठन के पीछे हैं. दरअसल सोनिया गांधी , वाम दल के शीर्ष नेता और नीतीश कुमार से उनके सीधे संवाद ने महागठबंधन सरकार को सत्तासीन कराया है. सूत्र बताते हैं कि प्रदेश में नयी सरकार के गठन के संदर्भ में एक विशेष पेच विधानसभा अध्यक्ष का फंसा हुआ है. दरअसल विधानसभा के अध्यक्ष किस पार्टी से होंगे इस पर महागठबंधन के शीर्ष नेता निर्णय नहीं ले सके हैं. संभावना जतायी जा रही है कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद इस गतिरोध को दूर करने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं.
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक महागठबंधन नेताओं ने सरकार के गठन में एनडीए का फार्मूला स्वीकार्य किया था. माना था कि पिछली सरकार में जितने मंत्री और विभाग भाजपा के थे, उतने ही राजद को मिलेंगे. चूंकि पिछली सरकार के कार्यकाल में विधानसभा अध्यक्ष का पद भाजपा के पास था तो इस बार वह पद राजद को ही मिलना चाहिए.
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रविवार को सरकार में मंत्री बने तेजस्वी यादव पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास ’10, सर्कुलर रोड’ में संभावित मंत्रियों के साथ बैठक कर रहे हैं. इस बैठक में आलोक मेहता, भाई वीरेंद्र , सर्वजीत, रामानंद यादव सहित तकरीबन सभी विधायक पहुंच चुके हैं और कुछ देर शाम को पहुंचे. सियासी जानकारों के मुताबिक राजद के अधिकतर विधायक राजधानी में ही पड़ाव डाले हुए हैं. यह देखते हुए कि संभावित मंत्रियों की औपचारिक सूची अभी तक जारी नहीं हुई है. लिहाजा मंत्री बनने की उम्मीद सभी को है. जानकारों के मुताबिक राजद के मंत्रियों की सूची फाइनल हो चुकी है, लेकिन अभी तक इसकी गोपनीयता बरकरार है.