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कोटा में फंसे बिहार के छात्रों को लेकर आरजेडी नेता तेजस्वी का मुख्यमंत्री पर बड़ा आरोप, कहा- ”बच्चों की फिक्र नहीं”

पटना : कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को लेकर देश में लगाये गये लॉकडाउन के बीच दूसरे राज्यों में फंसे छात्रों के लाने पर सियासत जारी है. राजस्थान के कोटा में फंसे बिहार के छात्रों के धरना-प्रदर्शन से सियासत गरमा गयी है. एक ओर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने राजस्थान के कोटा में फंसे छात्रों को वापस लाने की मांग सरकार से कर रही है.

पटना : कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को लेकर देश में लगाये गये लॉकडाउन के बीच दूसरे राज्यों में फंसे छात्रों के लाने पर सियासत जारी है. राजस्थान के कोटा में फंसे बिहार के छात्रों के धरना-प्रदर्शन से सियासत गरमा गयी है. एक ओर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने राजस्थान के कोटा में फंसे छात्रों को वापस लाने की मांग सरकार से कर रही है.

वहीं, बिहार सरकार ने कोरोना संक्रमण के मद्देनजर छात्रों की सुरक्षा को लेकर ”जहां हैं, वहीं रहें” की अपील की है. वहीं, आरजेडी नेता ने ट्वीट कर सरकार पर छात्रों की फिक्र नहीं होने का आरोप लगाया है. मालूम हो कि एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में बात करते हुए राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा है कि छात्रों का ही दबाव है कि वे पैरेंट्स के पास जाना चाहते हैं.

आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने एक बार फिर शनिवार को ट्वीट कर नीतीश कुमार पर राजस्थान के कोटा में फंसे बच्चों की फिक्र नहीं होने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि ”10 राज्यों ने अपने 25 हजार छात्रों को कोटा से वापस बुला लिया है. लेकिन, नीतीश जी को पता नहीं बिहार के भविष्य मासूम छात्र-छात्राओं से क्या दिक्कत है? क्या सिर्फ नीतीश जी को छोड़ बाकी मुख्यमंत्रियों को अपने प्रदेशवासियों की बेहद फिक्र है, नहीं है अथवा वो ज्यादा विवेकशील है?” साथ ही कहा है कि ”मुख्यमंत्री जी से पुन: आग्रह है अगर सरकार छात्रों को वापस बुलाने में बिल्कुल असमर्थ और असहाय हैं, तो कृपया मुझे अनुमति दीजिए, हम लेकर आयेंगे. सर्वविदित है, भाजपा नीत बिहार सरकार पूर्णतः अक्षम है, फिर इसमे शर्म की क्या बात है? खाली खबरों की सर्जरी करने से छात्र और मजदूर वापस नहीं आयेंगे.”


राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री बोले- कोई कमी नहीं कर रही सरकार

राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में कहा है कि राजस्थान सरकार किसी तरह की कोई कमी नहीं कर रही है. छात्रों का ही दबाव है कि वे अपने पैरेंट्स के पास जाना चाहते हैं. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के पास दबाव आया, उन्होंने केंद्र सरकार से बात की और करीब 250 बसें भेजीं. बिहार के बच्चे रोने लग रहे हैं कि हमें मां-बाप के पास जाना है. उसके बाद केंद्रीय गृहमंत्री ने बिहार सरकार के मुख्यमंत्री से बात की और उन्होंने मना कर दिया. अन्य राज्य तैयार हो गये. मध्य प्रदेश के बच्चे जा रहे हैं. उत्तराखंड के बच्चे चले गये. उत्तर प्रदेश के बच्चे चले गये. गुजरात के चले गये. एक बिहार ही ऐसा राज्य है, जिसने कहा है कि हम बच्चों को अभी नहीं लेंगे.

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