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बेतिया से पटना आकर लूटते थे ज्वेलरी की दुकानें, राजीवनगर में बेच चले जाते थे वापस, 8 लूटेरे गिरफ्तार

अंजनी सिंह उर्फ पप्पू पटना में स्वर्ण दुकानों की रेकी करता था और उसके अंदर व बाहर की तस्वीर लेता था. साथ ही दुकान में लगे तमाम तालों की तस्वीर लेने के बाद उसे गिरोह के सदस्यों को भेज देता था.

पटना पुलिस की टीम ने एक ऐसे गिरोह के आठ सदस्यों को अगमकुआं थाने के न्यू बाइपास इलाके से गिरफ्तार किया है, जो बेतिया से कुछ दिनों के लिए पटना आते थे और कई ज्वेलरी दुकानों में चोरी व लूट की घटनाओं को अंजाम देने के बाद लौट जाते थे. हालांकि, जाने से पहले यह गिरोह राजीव नगर के एक स्वर्ण दुकानदार को सारे साेने-चांदी के गहने बेच देता था. पुलिस ने उसे भी पकड़ लिया है. साथ ही इन अपराधियों के पास से पुलिस ने 11 लाख रुपये का 250 ग्राम सोना व छह लाख रुपये की 12 किलो चांदी के साथ ही चोरी करने में इस्तेमाल में लाये जाने वाले औजार व एक आइ टेन कार, एक पिस्तैल और 50 हजार कैश भी बरामद किया है.

अलग-अलग नंबरों के नेमप्लेट भी बरामद किये गये

खास बात है कि इन लोगों के पास से अलग-अलग नंबरों के नेमप्लेट भी बरामद किये गये हैं, जिनका इस्तेमाल ये लोग घटना को अंजाम देने के समय कार में करते थे. पकड़े गये अपराधियों में अधिकतर बेतिया के नगर थाने के बसबरिया गांव के रहने वाले हैं. इस गांव के अधिकतर लोग कटिहार के कोढ़ा गांव की तरह ही चोरी व लूट-पाट करते हैं.

ली अहमद ताले की चाबी बनाने में माहिर

पकड़े गये अपराधियों में सिकंदर मियां की उम्र 72 साल है, जबकि अली अहमद ताले की चाबी बनाने में माहिर है, इसलिए इसे सब इंजीनियर कहते हैं. अली अहमद के बेटा मो फिरदौस व शाहरूख हैं. सिकंदर मियां अली अहमद का बड़ा भाई है. एक तरह से इस गिरोह में परिवार के चार सदस्य शामिल हैं, जबकि अंजनी सिंह उर्फ पप्पू पटना में किराये का फ्लैट लेकर रहता है और यह गिरोह के लिए लाइनर का काम करता है.

लाइनर अंजनी गिरोह को भेजता था ताले की तस्वीर

अंजनी सिंह उर्फ पप्पू पटना में स्वर्ण दुकानों की रेकी करता था और उसके अंदर व बाहर की तस्वीर लेता था. साथ ही दुकान में लगे तमाम तालों की तस्वीर लेने के बाद उसे गिरोह के सदस्यों को भेज देता था. इन तालों कर तस्वीर की मदद से गिरोह के लोग उसकी चाबी बना लेते थे. अंजनी हत्या व डकैती के मामले में झारखंड पुलिस द्वारा जेल भी भेजा जा चुका है. राहुल कुमार गुप्ता की राजीव नगर मौर्य पथ में आरके ज्वेलर्स नाम से दुकान है. वह इस गिरोह को कार का फर्जी नंबर प्लेट भी उपलब्ध कराता था.

पुलिस से बचने के लिए सिकंदर मियां बनता था मरीज

गिरोह आइटेन कार से बेतिया से पूरे इंतजाम के साथ निकलता था. इन लोगों को अंजनी से दुकान के संबंध में पूरी जानकारी मिल जाती थी. इसके बाद कार में सिकंदर मियां मरीज बन कर बैठ जाता और जहां भी चेकिंग होती, तो ये लोग यह बताते कि वे लोग पीएमसीएच या आइजीआइएमएस में इलाज कराने जा रहे हैं. खास बात है कि ये लोग उस समय चोरी की घटना को अंजाम देते थे, जिस समय झमाझम बारिश हो रही होती है. बारिश में आमतौर पर पुलिस की गश्ती सुस्त हो जाती है और सड़क पर लोगों का आवागमन भी नहीं होता है.

लगातार हो रही चोरी के बाद एसएसपी ने बनायी टीम

हाल के दिनों में चोरों ने फुलवारीशरीफ में सोने-चांदी की एक दुकान, अगमकुआं थाने के भूतनाथ रोड में मां जगदंबा स्वर्ण दुकान में चोरी की घटना को अंजाम दिया था. साथ ही शास्त्रीनगर थाने की एजी कॉलोनी, बेऊर व दानापुर थाने के सगुना मोड़ पर स्थित स्वर्ण दुकान में चोरी का प्रयास किया था. सभी घटनाएं उस समय हुईं, जब बारिश हो रही थी. एक तरह से ही सभी जगहों पर चोरी की घटनाएं होने के बाद एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने सिटी एसपी पूर्वी संजय कुमार व सिटी एसपी पश्चिमी राजेश कुमार के नेतृत्व में एक पुलिस टीम बनायी.

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चोरों के मोबाइल नंबर का लगातार लोकेशन मोतिहारी व बेतिया

एसएसपी ने बताया कि टीम ने जांच शुरू की, तो पता चला कि चोरों के मोबाइल नंबर का लगातार लोकेशन मोतिहारी व बेतिया का बता रहा था. इसी बीच यह गिरोह अगमकुआं थाने के न्यू बाइपास इलाके में किसी स्वर्ण दुकान में चोरी करने के लिए जा रहा था और इसी दौरान इन सभी को पकड़ा गया. साथ ही पटना के राजीव नगर में सोने-चांदी की दुकानदार को भी पकड़ा गया.

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