पटना. साख पत्र या गारंटी (एलओयू) के जरिये जिस तरह मेहुल चोकसी-नीरव मोदी की जोड़ी ने हजारों करोड़ का घोटाला किया था कुछ वैसा ही मामला बिहार में भी पकड़ा गया है. सीबीआई ने एलओयू (लेटर ऑफ अंडरटेकिंग) घोटाले में आरा में तैनात रहे पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के अधिकारी प्रिय रंजन कुमार के सहयोगियों की तलाश शुरू कर दी है. सीबीआई की विशेष टीम ने एफआईआर दर्ज होने के बाद दो दिन पहले पटना और सारण में छापेमारी की थी.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रियरंजन द्वारा की गयी धोखाधड़ी का पटना से गहरा कनेक्शन हैं. बिहार में पोस्टेड रहे कुछ बैंक अधिकारियों को रडार पर लिया है गया है. आरोपी बैंक अधिकारी से उनकी संलिप्तता के पुख्ता प्रमाण न होने के कारण गिरफ़्तारी- छापेमारी की कार्रवाई शुरू नहीं की है. सीबीआई की पटना ब्रांच के साथ इनपुट को साझा किया गया है.
सीबीआई ने 27 नवंबर, 2022 की अंतरिम जांच रिपोर्ट के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की थी. सीबीआई के अनुसार प्रियरंजन ने बैंक से 34 फर्जी बैंक गारंटी के माध्यम से 168.59 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की थी. बैंक की प्रणाली का अवैध और उपयोग किया. इन फर्जी बैंक गारंटी का बैंक की फिनेकल प्रणाली में कोई रिकॉर्ड तक नहीं है. इसमें जिन लोगों की मिलीभगत रही उनका बिहार से संबंध है.
प्रिय रंजन कुमार का पीएनबी की नयी दिल्ली के पार्लियामेंट स्ट्रीट ब्रांच में इस साल चार जून को तबादला हुआ था. केनरा बैंक की कोहिमा शाखा ने 18 नवंबर को पीएनबी की संसद मार्ग शाखा को 5.70 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी जारी करने की सूचना भेजी थी. इस गारंटी पर तत्कालीन शाखा प्रबंधक प्रिय रंजन कुमार के भी हस्ताक्षर थे. इससे मामला खुल गया. बैंक ने जांच की तो पाया कि
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बिहार के आरा के आरा चौक स्थित पीएनबी कार्यालय और पार्लियामेंट स्ट्रीट ब्रांच में तैनाती के दौरान शाखा प्रबंधक प्रियरंजन ने इस तरह की 34 एंट्री धोखाधड़ी को अंजाम दिया था. हेयी ग्लोबल एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड के आईडीबीआई बैंक खाते से प्रिया रंजन की पत्नी कुमारी नीरू के खाते में 30 दिसंबर, 2020 से अब 21.50 लाख रुपये भेजे गये हैं.
नीरव मोदी , मेहुल चौकसे और अन्य सहयोगियों के खिलाफ कार्रवाई की कड़ी में फरवरी 2018 को फ्रेजर रोड स्थित जवेलरी के शोरूम में इडी ने छापेमारी की. इडी ने करीब दो करोड से भी अधिक के हीरे के गहने जब्त किये थे. गीतांजलि नीरव मोदी की ज्वेलरी कंपनी है. इस छापेमारी में प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों के साथ-साथ पंजाब नेशनल बैंक के अधिकारी भी शामिल रहे.