बिहार में मार्च 2024 तक करीब आठ हजार 76 किमी लंबाई में ग्रामीण सड़कों की मरम्मत कर उन्हें बेहतर बनाया जायेगा. ग्रामीण कार्य विभाग ने राज्य के सभी 38 जिलों में ऐसी सड़कों का चयन किया है. ये सभी सड़कें कम – से – कम 10 साल पुरानी हैं. इन सभी सड़कों के निर्माण के बाद उनके मेंटेनेंस संबंधी ठेकेदारों की जिम्मेदारी खत्म हो गयी थी.
ये सड़कें कई जगह खराब हालत में हो गयी थीं. ऐसे में अब फिर से सड़कों की मरम्मत और उनका रखरखाव बेहतर तरीके से करने के लिए टेंडर के माध्यम से करने के लिए ठेकेदारों का चयन किया जायेगा. इसके साथ ही सड़कों को बेहतर बनने के बाद उसकी फोटो सहित रिपोर्ट मुख्यालय को उपलब्ध करवाने की जिम्मेदारी जूनियर इंजीनियरों की होगी. बाद में किसी सड़क में कोई शिकायत मिलने पर जूनियर इंजीनियर भी जवाबदेह होंगे.
सूत्रों के अनुसार ग्रामीण कार्य विभाग ने राज्य में नयी ग्रामीण सड़कों के निर्माण के साथ ही खराब ग्रामीण सड़कों को बेहतर बनाने की तैयारी शुरू कर दी है. बरसात के पहले तेजी से अधिकतर काम पूरा करने का मुख्यालय स्तर से निर्देश दिया गया है. ऐसे में बिहार ग्रामीण पथ अनुरक्षण नीति 2018 के तहत सड़कों का रखरखाव बेहतर तरीके से करने की कार्ययोजना पर काम शुरू किया गया है.
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अप्रैल 2018 से फरवरी 2023 तक करीब 29 हजार 62 किमी लंबाई में ग्रामीण सड़कों की मरम्मत करने की मंजूरी दी गयी थी. इसके तहत करीब 10 हजार 328 सड़कों का चयन किया गया था. इसकी अनुमानित लागत करीब 12 हजार 349 करोड़ रुपये थी. इसमें से करीब चार हजार पांच सौ सत्तर करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से करीब 20 हजार 986 किमी लंबाई में सड़कों की मरम्मत हो चुकी है.