बिहार में पटना सहित 10 जिले में ग्रामीण सड़कों को बेहतर बनाने की तैयारी हो रही है. ये सड़कें पहले से बनी हुई थीं, लेकिन फिलहाल कई जगह से टूट रही हैं. इनको मरम्मत की जरूरत थी. इसके बारे में रिपोर्ट मिलने पर इन सभी सड़कों को ठीक करने के लिए ग्रामीण कार्य विभाग ने निर्णय लिया है. इसके तहत पटना, भोजपुर, वैशाली, शेखपुरा, लखीसराय, नालंदा, मधुबनी, मोतिहारी, सारण और सिवान में करीब तीन करोड़ रुपये की लागत से करीब 50 किमी लंबाई में सड़कें ठीक की जायेंगी.
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्रामीण सड़कों के रखरखाव को लेकर विशेष जागरूकता बरती जा रही है. सभी कनीय अभियंताओं से उनके क्षेत्र की सड़कों की रिपोर्ट मंगवाई गई थी. इस रिपोर्ट पर मुख्यालय स्तर पर बैठक कर समीक्षा की गई. इस दौरान खराब सड़कों का चयन कर उनकी मरम्मत करवाने की प्रक्रिया शुरू की गई है. साथ ही जिन सड़कों की मरम्मत चल रही है वहां के कनीय अभियंताओं से प्रतिदिन प्रगति रिपोर्ट भी मांगी गई है. इसका मकसद सड़कों पर जल्द से जल्द बेहतर तरीके से आवागमन सुनिश्चित करना है. इस रिपोर्ट के आधार पर ही प्राथमिकता के आधार पर सड़कों की मरम्मत की जा रही है.
जिलों की सड़कों को बेहतर बनाने का मकसद ग्रामीण इलाकों में बेहतर आवागमन सुविधा विकसित करना है. इससे ग्रामीणों को कृषि सहित रोजी-रोजगार और व्यापार में मदद मिलेगी. पिछले दिनों इन सड़काें को बेहतर बनाने के लिए विभागीय अधिकारियों और इंजीनियरों की बैठक हुई थी. उस बैठक में सड़कों को बेहतर बनाने का निर्णय लिया गया था.
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राज्य के ग्रामीण इलाकों में खेती-बाड़ी होने और तैयार अनाज को मंडी या बाजार तक पहुंचने के लिए बेहतर सड़कों की आवश्यकता होती है. ऐसे में ग्रामीण सड़कों की चौड़ाई बढ़ने सहित उनका मेंटेनेंस होने से ग्रामीण इलाकों के लाेगों को यातायात की बेहतर सुविधा मिल सकेगी. और साथ ही किसान अपने फसलों को भी आसानी से मंडी तक ले जा पाएंगे.