पटना: बिहार के युवाओं को और गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण दिलाने के लिए राज्य सरकार सरकारी आइटीआइ के खाली पदों को भरेगी. विभागीय समीक्षा के अनुसार लगभग 2500 पद खाली हैं, जिन्हें चरणवार तरीके से भरा जायेगा. श्रम संसाधन विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है.
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राज्य में 149 सरकारी आइटीआइ में हर साल 25 हजार से अधिक छात्रों का नामांकन होता है. ऐसे में आइटीआइ में 2700 इंस्ट्रक्टर, 535 ग्रुप इंस्ट्रक्टर, 325 प्राचार्य, उप प्राचार्य संवर्ग के पदाधिकारियों की आवश्यकता है. इनकी सहायता के लिए 850 लिपिक संवर्ग के कर्मियों का पद भी सृजित है.
अभी 2700 इंस्ट्रक्टर के बदले मात्र 218 नियमित और 212 कांट्रैक्ट इंस्ट्रक्टर कार्यरत हैं. इनके पर्यवेक्षण के लिए 535 ग्रुप इंस्ट्रक्टर के बदले 261 ही कार्यरत हैं. इसी तरह प्राचार्य-उपप्राचार्य संवर्ग के 325 पदाधिकारियों के बदले मात्र 90 पदाधिकारी ही सेवा में हैं, जबकि कार्यालयों में सहयोग करने के 850 लिपिक संवर्ग के कर्मियों के बदले मात्र 230 ही कार्यरत हैं.
प्रशिक्षण के लिए खरीदे गये सामानों का सही तरीके से रखरखाव के लिए 87 भंडार पाल तो प्रशिक्षण के दौरान दुर्घटना होने पर प्रारंभिक इलाज के लिए 120 कंपाउंडर के पद सृजित हैं. अब तक एक भी भंडार पाल की नियुक्ति नहीं की गयी है. कार्यकारी व्यवस्था में पर्यवेक्षकीय कार्य करने वाले ग्रुप इंस्ट्रक्टर को ही भंडार पाल का काम दिया गया, जो अब भी जारी है. मात्र दो कंपाउंडर ही कार्यरत हैं.
सबसे अधिक पद इंस्ट्रक्टर के खाली हैं. साल 2007 में 131 और 2010 में लगभग 212 इंस्ट्रक्टर की नियमित नियुक्ति हुई थी. इसके बाद जब कभी भी इंस्ट्रक्टर की नियुक्ति का मामला आता है, तो मामला न्यायालय में चला जाता है. साल 2016 में 1200 गेस्ट इंस्ट्रक्टर को प्रशिक्षण देने के लिए आमंत्रित किया गया था, लेकिन बाद में इन्हें भी हटाया गया.
Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya