सावन माह चार जुलाई से शुरू हो गया है. शिवभक्त भोले की भक्ति में सराबोर हैं. इसको लेकर मंदिरों और धार्मिक स्थलों में श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिल रही है. सावन कृष्ण अष्टमी में 10 जुलाई को पहली सोमवारी होगी. इसको लेकर बाजारों में बेलपत्र, फूल-माला, धतूरा, भांग, ऋतुफल खरीदने वालों की रौनक है. मंदिरों में विशेष सजावट की गयी है. शिवालयों में पूरे दिन श्रद्धालु जलाभिषेक करेंगे और संध्याकाल में शृंगार पूजा होगी.
पहली सोमवारी को लेकर राजधानी के शिवालय सज-धज कर तैयार हैं. मंदिरों को रंगीन रोशनी से सजाया गया है. सोमवार को लाखों शिव भक्त जलाभिषेक करेंगे. इसके लिए बोरिंग रोड चौराहा शिव मंदिर, पंच मंदिर बोरिंग कैनाल रोड, खाजपुरा शिव मंदिर, पंचशिव मंदिर (कंकड़बाग ), जलेश्वर महादेव मंदिर, विजय नगर(हनुमान नगर) का मानसा पूरण मंदिर, पाटलिपुत्रा साईं मंदिर सहित अन्य मंदिरों को शिव भक्तों के लिए फूलों और लाइट से सजाया गया है.
पंडित राकेश झा ने बताया कि सोमवारी को सुहागन स्त्रियों को शिव-पार्वती के पूजन से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होगी. मिथिलावासी अपने घरों में पार्थिव पूजन भी करेंगे. मंगला गौरी का भी विधिवत पूजन किया जायेगा.
सावन मास में मलमास होने से दो महीने सावन रहेगा और इसमें कुल आठ सोमवार पड़ेंगे. पहली सोमवारी 10 जुलाई, तो अंतिम सोमवारी 28 अगस्त को होगी. चार सोमवार जुलाई में और चार सोमवार अगस्त में पड़ेंगे.
पहली सोमवारी को लेकर शिवालय और मंदिरों में भगवान शिव के रुद्राभिषेक के लिए विशेष तैयारी की गयी है. पटना जंक्शन स्थित महावीर मंदिर में 45 शिवभक्त रुद्राभिषेक का अनुष्ठान संपन्न करेंगे. वहां यह सुबह पांच बजे से रात दस बजे तक चलेगा.
Also Read: सावन की पहली सोमवारी आज, 16 श्रृंगार का सामान खरीदने के लिए उमड़ी महिलाओं की भीड़, जानें महत्व और मान्यताएंमीठापुर स्थित श्री गौड़ीय मठ में फुलटेश्वर शिव जी स्थापित है. श्रावण की पहली सोमवारी धूमधाम से मनायी जायेगी. यहां पूरे मंदिर को फूलों और बिजली की कलर लाइटिंग से सजाया गया है. मठ के प्रवक्ता विश्वजीत दास ने बताया कि यहां हर साल आसपास के हजारों भक्त जल, दुग्ध चढ़ाने और पूजन करने आते हैं. श्रद्धालुओं के पूजा पाठ में सुविधा के लिए मंदिर के तरफ से अच्छी व्यवस्था की गयी है. देर शाम को मंदिर के पुजारियों द्वारा शिव जी का भव्य आरती, अभिषेक किया जायेगा. इसमें सैकड़ों शिवभक्त शामिल होंगे.