पटना. अब तक होटल, रेस्त्रां और अस्पताल आदि में रोबोट की मदद से काम को आसान बनाने के बारे में चर्चाएं होती थीं, लेकिन पटना और आरा के स्कूली बच्चों ने इससे भी एक कदम आगे बढ़ते हुए फुटबॉल खेलने वाला रोबोट तैयार किया है. ये रोबोट मैट पर उसी तरह फुटबॉल को पास, डिफेंड, स्ट्राइक और किक करते हुए दिखेंगे, जैसे फुटबॉल के मैदान में खिलाड़ी करते हैं. श्रीकृष्ण विज्ञान केंद्र में चलने वाले इनोवेशन हब के बच्चों ने इसे तैयार किया है. इन बच्चों ने कुछ नया करने के जज्बे से फुटबॉल खेलने वाला रोबोट तैयार किया है.
रोबोटिक्स में दिलचस्पी रखने वाले इन बच्चों ने खुद को भीड़ से अलग करने और अलग मुकाम हासिल करने की सोच के साथ रोबोट को डिजाइन किया है. ये बच्चे कक्षा 11वीं और 12वीं में पढ़ते हैं. खास बात है कि इनमें चार बच्चे सरकारी स्कूलों के छात्र हैं. रोबोट तैयार करने वाली टीम के कैप्टन हरिओम शरणम बताते हैं कि टीम के सभी सदस्य रोबोटिक्स के क्षेत्र में ही अपने करियर को तलाश कर रहे हैं. हरिओम ने बताया कि विज्ञान केंद्र के मेंटर गौरव कुमार और इंटरनेट से मिली जानकारी के बाद उन्होंने रोबोट तैयार किया है.
वर्ल्ड रोबोटिक्स चैंपियनशिप में भाग लेने के लिए इन बच्चों के मन में रोबोट तैयार करने का जज्बा पैदा हुआ. इस चैंपियनशिप की एक केटेगरी में इन्हें रोबो सॉकर कॉन्टेस्ट की जानकारी मिली, जिसके बाद छह लोगों की टीम ने इस खिलाड़ी रोबोट को तैयार करने की शुरुआत की. मेंटर की अगुआई में बच्चों ने रोबोट के डाइमेंशन उसकी वर्किंग प्रिंसिपल को समझते हुए रोबोट तैयार किया. एक रोबोट तैयार करने में 10 दिनों का समय लगा. साथ ही एक रोबोट तैयार करने के लिए इन्हें छह से सात हजार रुपये खर्च करने पड़े हैं.
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पानी, कई घर डूबे
रोबोटिक्स चैंपियनशिप में भाग लेने और रोबो सॉकर कॉन्टेस्ट के लिए 30 सेंटीमीटर की लंबाई और चौड़ाई वाला ही इन्हें रोबोट तैयार करना था. खेल के नियमानुसार रोबोट को पावर देने के लिए इन बच्चों ने 1200 एमएएच की छह बैटरी और 500 आरपीएम का मोटर इस्तेमाल किया है. वहीं, इस रोबोट को ऑपरेट करने के लिए आर्डिनो माइक्रो कंट्रोलर का इस्तेमाल किया गया है. इस रोबोट को मोबाइल फोन के जरिये कंट्रोल किया जा सकता है. इसके साथ ही फ्लाइ स्काइ रेडियो रिमोट से कंट्रोल किया जा सकता है.
वर्ल्ड रोबोटिक्स चैंपियनशिप दिल्ली में 21 से 24 अगस्त के बीच होनी है. इस चैंपियनशिप जीतने वाली टीम को दो लाख रुपये की पुरस्कार राशि दी जायेगी. इस चैंपियनशिप में 53 देशों की टीमें भाग लेंगी. अब तक इस चैंपियनशिप के लिए 300 टीमों ने भाग लेने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है. रोबो सॉकर केटेगरी में एक टीम को तीन रोबोट तैयार करने हैं, जिनमें एक डिफेंडर, स्ट्राइकर और गोलकीपर रोबोट रहेगा. इसके अलावा इस चैंपियनशिप में नौ और कैटेगरी रखी गयी हैं, जिनमें फास्टेस लाइन फॉलोअर, रोबो रेस, इनोवेशन पर्थ आदि शामिल हैं.
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पिछले चार सालों से रोबोट बनाने और उसकी वर्किंग प्रिंसिपल को सीख रहा हूं. अब इस खिलाड़ी रोबोट को तैयार करने के बाद उम्मीद है कि हमें नयी पहचान मिलेगी. – हरिओम शरणम, कक्षा 12वीं, एफएनएस एकेडमी
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इस खिलाड़ी रोबोट को तैयार करने में हमें विज्ञान केंद्र के प्रशिक्षकों से काफी सहयोग मिला है. हम अपनी मेहनत से नया मुकाम हासिल करेंगे – आशीष सिंह, कक्षा 12वीं, तपेश्वर सिंह हाइस्कूल, आरा
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हमने अपनी टीम का नाम एडबोट्ज रखा है. हमें अपनी टीम पर पूरा भरोसा है. रोबोट के साथ हम मैच की प्रैक्टिस कर रहे हैं. इस बार अपनी टीम को जीता कर राज्य का नाम रोशन करना है. – नंद स्वामी, कक्षा 12वीं, राम नगीना पांडेय हाइस्कूल, आरा
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रोबोटिक्स के क्षेत्र में ही मुझे अपना करियर बनाना है, इसलिए पढ़ाई के साथ ही रोबोटिक्स का भी ऑनलाइन क्लास ज्वाइन कर रखा है. हमें विश्वास है कि हम यह चैंपियनशिप जीतेंगे – सौमित्र मट्टा, कक्षा 12वीं, डीपीएस
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पिछले तीन सालों से रोबोटिक्स के बारे में जानने के लिए इनोवेशन हब में प्रैक्टिस कर रहा हूं. हमारी टीम ने बेहतर खिलाड़ी रोबोट तैयार किया है. – सिद्धार्थ, कक्षा 11वीं, केंद्रीय विद्यालय
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क्लास नौवीं से ही मैंने रोबोटिक्स के क्षेत्र में ही करियर बनाने के बारे में सोच लिया था. अब अपनी मेहनत से खिलाड़ी रोबोट तैयार किया है. उम्मीद है कि टीम बेहतर प्रदर्शन करेगी. – आदर्श कुमार, कक्षा 12वीं, सर्वोदय हाइस्कूल, पिरौता