पटना. सार्वजनिक और ग्रामीण बैंकों की दो दिवसीय हड़ताल (16 और 17 दिसंबर) के कारण शुक्रवार को लोगों को कैश निकासी में काफी परेशानियों को सामना करना पड़ा. कई बैंकों की एटीएम गुरुवार देर रात ही खाली हो गयी. बैंक की शाखा से लगी एटीएम हड़ताल के पहले दिन से ही बंद थी. केवल एजेंसी द्वारा संचालित एटीएम खुली थी.
पटना जिले में लगभग 650 करोड़ एटीएम में लोड होता है. लोग पैसे के लिए एक एटीएम से दूसरी एटीएम का चक्कर लगाते नजर आये. एटीएम के आगे मशीन खराब है या नो कैश की तख्ती लटकी थी. कुछ एटीएम सेंटर में पैसे थे, लेकिन लगभग दस बजे तक वहां भी नो कैश की तख्ती लटक गयी.
कैश को ले दोपहर तक करना होगा इंतजार
बैंक अधिकारियों की मानें तो खाली एटीएम में शनिवार को पटना के शहरी क्षेत्र में दोपहर 12 बजे के बाद ही कैश लोड हो पायेगा. वहीं ग्रामीण इलाके में देर शाम तक एटीएम में कैश लोड हो पायेगा. पटना जिले के शहरी क्षेत्र में 1243 एटीमए हैं. वहीं ग्रामीण और अर्द्धशहरी क्षेत्र में 254 एटीएम हैं. इसमें सार्वजनिक और प्राइवेट बैंक की एटीएम शामिल हैं.
हड़ताल से बैंकों में लेनदेन ठप, 200 करोड़ राजस्व की हानि
बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक व बैंकों के निजीकरण के विरोध में बैंककर्मी दूसरे दिन शुक्रवार को भी हड़ताल पर रहे. इसके कारण सार्वजनिक क्षेत्र तथा उत्तर और दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक की सभी शाखाओं में कामकाज ठप रहा. बैंककर्मियों ने प्रधान कार्यालयों, शाखाओं, आंचलिक कार्यालय और क्षेत्रीय कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया. ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के संयुक्त सचिव डीएन त्रिवेदी ने दावा किया कि दो दिवसीय हड़ताल के कारण केंद्र व राज्य सरकार को लगभग 200 करोड़ राजस्व की हानि हुई है.
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स (यूएफबीयू) के संयोजक संजय कुमार सिंह, आल इंडिया बैंक आफिसर्स कन्फेडरेशन (एआइबीओसी) के महासचिव अजीज कुमार मिश्रा, एआइबीओए के महासचिव डा. कुमार अरविंद ने हड़ताल को पूरी तरह सफल बताया. वहीं संजय कुमार सिंह ने बताया कि अगले दो -तीन दिन में यूएफबीयू की केंद्रीय कमेटी की बैठक में अगली रणनीति तय होगी.
Posted by: Radheshyam Kushwaha