पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि जिन प्रवासी श्रमिकों ने कोरेंटिन की अवधि पूरी कर ली है, उनके बैंक खातों में रेल किराये की राशि और 500 रुपये या न्यूनतम एक हजार रुपये ट्रांसफर किये जाएं. इसमें देरी नहीं हो. साथ ही उन्हें विशेष प्रयास कर रोजगार भी उपलब्ध कराया जाये. उन्होंने सभी संबंधित विभागों को इसका पालन करने को कहा. जो श्रमिक घर चले गये हैं, उन्हें भी विशेष प्रयास कर रोजगार मुहैया कराया जायेगा.
मुख्यमंत्री गुरुवार को कोरोना को लेकर उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक कर रहे थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि दूसरे राज्यों में फंसे लोगों के खातों में मुख्यमंत्री विशेष सहायता के अंतर्गत एक-एक हजार रुपये भेजे गये हैं. लेकिन कई लोगों का बिहार में बैंक खाता नहीं होने से उन्हें यह राशि नहीं मिल सकी है. ऐसे लोगों का बैंक खाता खुलवाकर उन्हें भी तुरंत एक-एक हजार रुपये ट्रांसफर करें. इसके अलावा बचे हुए राशन कार्डधारी परिवारों को भी एक-एक हजार रुपये जल्द दें. मुख्यमंत्री ने कहा कि बाहर से आये श्रमिक परिवारों को स्वयं सहायता समूह से जोड़ें, जिससे उन्हें राज्य में चल रही योजनाओं के बारे में जानकारी के साथ ही लाभ भी मिले. जीविका के माध्यम से बिहार में महिलाओं में काफी जागृति आयी है.
आत्मविश्वास बढ़ा है और वे आत्मनिर्भर भी हुई हैं. सीएम ने कहा कि कोरोना संक्रमित लगातार स्वस्थ होकर घर जा रहे हैं. ऐसी स्थिति में लोग घबराएं नहीं, धैर्य रखें, सचेत और सतर्क रहें. कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लोगों को लगातार जागरूक करते रहें.बॉक्सअप्रैल में हुई फसल क्षति के लिए जल्द अनुदान देंसीएम ने कहा कि अप्रैल में भी जिन किसानों की फसल असमय बारिश या ओलावृष्टि से क्षतिग्रस्त हुई है, ऐसे किसानों को जल्द इनपुट अनुदान की राशि उपलब्ध करायी जाये. उन्होंने कहा कि फरवरी और मार्च में बेमौसम हुई बारिश से फसल क्षति के लिए किसानों को इनपुट अनुदान देने की प्रक्रिया जारी है.