पटना. बिहटा थाने के थानाध्यक्ष प्रमाेद कुमार काे बुधवार को निलंबित कर दिया गया. उन पर आरोप है कि उन्होंने मंगलवार को एक व्यक्ति को बिना स्पष्ट वजह के चार घंटे तक हाजत में बंद रखा और उसे फिर छोड़ दिया. इस दौरान स्टेशन डायरी भी दर्ज नहीं किया गया और न ही किसी प्रकार का केस दर्ज था. बताया जाता है कि मामले की जानकारी एसएसपी राजीव मिश्रा को भी हुई और वे बुधवार काे दल-बल के साथ औचक निरीक्षण करने के लिए बिहटा थाना पहुंच गये. इसके बाद उन्होंने थाने में कागजातों की जांच की तो पता चला कि 24 घंटे का स्टेशन डायरी पेंडिंग थी. जिसे बंद किया गया था, उसके संबंध में भी कोई जानकारी स्टेशन डायरी में अंकित नहीं थी. इसके बाद एसएसपी ने प्रमोद कुमार को थानाध्यक्ष के पद से हटा दिया और वहां के सब इंस्पेक्टर राजू को थाने की कमान सौंप दी.
सूत्रों के अनुसार, एसएसपी की अनुशंसा पर बिहटा थानाध्यक्ष को निलंबित कर दिया गया है. बिहटा थाने में कोई भी थानाध्यक्ष ज्यादा दिन तक नहीं टिकता है. तीन साल में इस थाना में तैनात छह थानाध्यक्षों को निलंबित किया जा चुका है. किसी पर लापरवाही तो किसी को बालू माफियाओं से मिलीभगत के कारण निलंबित किया गया. बिहटा थाने में तैनात रह चुके रंजीत कुमार, सनाेबर खान, अतुलेश कुमार, ऋतुराज, अवधेश झा व कन्हैया सिंह निलंबित किये गये थे.
जक्कनपुर थाने के मुंशी सुधांशु कुमार ने थाना में एक युवक को थप्पड़ रसीद कर दिया. यह मामला भी एसएसपी राजीव मिश्रा के संज्ञान में आया और उन्होंने मामले की जांच करायी. इसके बाद आरोप सत्य पाते हुए एसएसपी ने मुंशी सुधांशु को निलंबित कर दिया. बताया जाता है कि सात अप्रैल की सुबह पूर्व वार्ड पार्षद मुन्ना राय काे अपराधियाें ने गोली मार दी थी और इलाज के क्रम में उनकी 20 अप्रैल को मौत हो गयी थी. इस मामले में अपराधियों की गिरफ्तारी अभी तक नहीं हो पायी है. पुलिस की कार्रवाई की जानकारी लेने के लिए मुन्ना राय का बेटा जक्कनपुर थाना पहुंचा था. इसी दौरान उसकी मुंशी सुधांशु से नोंक-झोंक हो गयी और फिर मुंशी ने उसे एक थप्पड़ मार दिया. इस घटना के विरोध में स्थानीय लोग सड़क पर उतर पड़े और विराेध में कैंडिल मार्च निकाला. उनकी मांग थी कि मुंशी पर कार्रवाई की जाये.
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