बिहार में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगते ही बिजली चोरी की संख्या में कमी आने लगी है. फिलहाल राज्य में करीब दो लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाये जा चुके हैं, वहीं इन मीटरों से छेड़छाड़ कर बिजली चोरी के मामले तीन अंकों तक भी नहीं पहुंचे हैं.
इसका कारण यह है कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर विशेष तकनीक से बनाये गये हैं जिसमें बिजली चोरी की किसी भी कोशिश की जानकारी तुरंत बिजली कंपनी के कंट्रोल रूम को मिल जाती है. इसके बाद बिजली कंपनी की टीम उपभोक्ता के यहां सीधे पहुंचकर कार्रवाई कर सकते हैं. हालांकि करीब 20 स्थानों पर मीटर को बायपास कर बिजली चोरी की शिकायत आयी जिसके बाद बिजली कंपनी की कार्रवाई में ऐसे उपभोक्ता पकड़े गये. ऐसी ही एक कार्रवाई पिछले दिनों पटना के फुलवारीशरीफ में की गयी थी.
सूत्रों के अनुसार स्मार्ट प्रीपेड मीटर में छेड़छाड़ के लिए इसे खोलना आसान नहीं है. इसको पैक करने के लिए विशेष तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. यदि इसे खोलने की कोशिश होगी तो उसकी जानकारी कंपनी को मिल जायेगी. साथ ही कंपनी के नियंत्रण कक्ष से सीधा जुड़े रहने के कारण मीटर बंद होने या किसी भी तरह की गड़बड़ी की जानकारी कंपनी को मिल जाती है. ऐसे में बिजली कंपनी को जांच और छापेमारी करना आसान हो जाता है.
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सूत्रों के अनुसार स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगने से उपभोक्ताओं को भी अपने मोबाइल पर ही प्रतिदिन बिजली खपत की जानकारी मिलने लगी है. ऐसे में उनके लिए बिजली खपत का प्रबंधन और नियंत्रण आसान हुआ है. दूसरी तरफ बिजली कंपनी को भी सही समय पर राजस्व मिलने लगा है. राज्य में करीब एक करोड़ 70 लाख उपभोक्ता हैं. इनमें से पहले चरण में अगस्त 2022 तक 23.50 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की योजना है.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan