बिहार के भागलपुर जिला में हुए बहुचर्चित सृजन घोटाले में अब एक आईएएस अधिकारी की मुश्किलें बढ़ गई है. भागलपुर में जिलाधिकारी रहे उक्त अधिकारी के द्वारा चेक पर हस्ताक्षर करके सृजन में करोड़ों रुपये जमा किये गये थे. जांच के दौरान उन्होंने सिग्नेचर को फर्जी बताया था लेकिन फोरेंसिक लैबोरेटरीज में हस्ताक्षर के नमूने की जांच में उनका झूठ सामने आया है. अब सीबीआई चार्जशीट की तैयारी में है.
सृजन घोटाले में सीबीआई और ईडी लगातार कार्रवाई कर रही है. घोटाले से जुड़े कई आरोपितों को गिरफ्तार भी किया गया है. वहीं इस मामले में अब भागलपुर के तत्कालिन डीएम भी घिर गये हैं. दैनिक जागरण समाचार पत्र के अनुसार, भागलपुर में घोटाले के दौरान जिलाधिकारी के हस्ताक्षर से 28 करोड़ रुपये सृजन संस्था के खाते में डाले गये थे. मामले की जांच जब शुरू हुई तो उक्त अधिकारी ने चेक पर किये अपने हस्ताक्षर को जाली बताया था.
दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, देश की चार बड़ी फोरेंसिक लैब में अधिकारी के सिग्नेचर के नमूने की जांच की गई. जिसके बाद चारो लैबरोटरी की जांच रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ कि अधिकारी ने झूठ बोलकर सीबीआई के जांच को भ्रमित किया है. विवादित चेक पर उनके ही द्वारा हस्ताक्षर किये गये थे और रकम भी उनके द्वारा ही चेक पर भरा गया था. जागरण का दावा है कि सीबीआइ के सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है.
बता दें कि सृजन घोटाले में इन दिनों ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है. ईडी ने घोटाले से जुड़े कोरोबारी पीके घोष को हाल में ही गिरफ्तार किया है. जिसके बाद कई और नये खुलासे सामने आये हैं. वहीं सीबीआई ने भी हाल में आठ लोगों को आरोपित बनाकर वारंट जारी किया है. कई आरोपितों को गिरफ्तार भी किया गया है. इनमें कई महिलाएं भी शामिल है.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan