अपने विवादित बयानों से सुर्खियों में रहने वाले राजद के डेहरी विधायक फतेह बहादुर के एक पोस्टर से एक बार फिर सियासी हलके में बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है. सोमवार को पटना में लालू-राबड़ी आवास के सामने एक बड़ा पोस्टर लगाकर उन्होंने मंदिरों को अंधविश्वास और पाखंड का केंद्र बताया है. जब मीडिया कर्मियों ने उनसे इस संबंध में सवाल पूछा तो वे अपने बयान पर डटे रहे. फतेह बहादुर सिंह ने जिस पोस्टर को लगाया है, उसमें सावित्री बाई फुले के वो विचार हैं, जिसमें कहा गया है कि ”मंदिर का मतलब मानसिक गुलामी का मार्ग और स्कूल का मतलब होता है जीवन में प्रकाश का मार्ग.” इधर, पोस्टर को लेकर राजनीति गरमा गयी है. बीजेपी का आरोप है कि सनातन पर इंडिया गठबंधन के लोग लगातार हमला कर रहे हैं.
सोमवार को ही पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के सरकारी आवास के सामने विधायक फतेह बहादुर ने कहा कि हम 90 फीसदी बहुजन समाज को मनुवादियों / ब्राम्हणों ने शूद्र कहा है. हम हिंदू नहीं हैं. एक संदर्भ के हवाले से उन्होंने कहा कि रामायण के सभी पात्र काल्पनिक हैं. अयोध्या में राम मंदिर का भी कोई तथ्य नहीं है. वहां विश्वविद्यालय बनना चाहिए था. मंदिर बनने से केवल मनुवादी पाखंडियों का भला होगा. विधायक फतेह बहादुर ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने मंदिर और मस्जिद की बात नहीं की है. शिक्षा और स्वाभिमान की बात कही है. मैं कहता हूं कि देश के बहुजन समाज के हाथ में धर्म का झंडा नहीं ,कलम और किताब होना चाहिए. कहा कि मेरा यह निजी बयान है.
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केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राजद के उस विवादित पोस्ट पर निशाना साधा है, जिसमें राम मंदिर की प्राण- प्रतिष्ठा 22 जनवरी को लेकर पटना में लालू -राबड़ी आवास के बाहर पोस्टर के जरिये सवाल खड़ा किया गया है.नित्यानंद राय ने इसे सनातन विरोधी करार देते हुए राम मंदिर निर्माण की प्राण- प्रतिष्ठा के खिलाफ सोची -समझी साजिश बताया. राय ने राजद की मानसिकता पर सवाल उठाते हुए कहा कि लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाली इंडिया गठबंधन की पार्टी प्रभु श्रीराम के मंदिर को मानसिक गुलामी का मार्ग बता रहा है. यह घोर अपराध के सिवाय कुछ हो नहीं सकता.
राय ने कहा कि 140 करोड़ लोगों की भावनाओं पर राजद के नेतृत्व में इंडिया गठबंधन सवाल खड़ा कर रहा है, जिसका जवाब चुनाव में लोकतांत्रिक तरीके से जनता जरूर जवाब देगी.उजियारपुर से भाजपा सांसद नित्यानंद राय ने स्पष्ट किया कि इंडिया गठबंधन के नेता चाहे जितनी ताकत लगा लें, लेकिन राम मंदिर की प्राण -प्रतिष्ठा पर कोई भी रुकावट नहीं आने वाला है. इंडिया गठबंधन के नेताओं ने पहले ही राम मंदिर की प्राण- प्रतिष्ठा का बहिष्कार करके साबित कर दिया है कि वह सनातन विरोधी हैं. वे राम मंदिर के भव्य निर्माण से आहत महसूस कर रहे हैं, लेकिन देश की 140 करोड़ जनता इनकी करतूत को देख रही है.
लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव को सिर्फ तुष्टीकरण में भरोसा राय ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की चुप्पी पर सवाल करते हुए कहा कि क्या वह राजद के इस पोस्टर से सहमत हैं, जो राम मंदिर की प्राण- प्रतिष्ठा के खिलाफ पटना में लालू-राबड़ी आवास के बाहर लगाया गया है. उन्होंने राजद को हिंदू विरोधी पार्टी करार देते हुए कहा कि लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव को सिर्फ तुष्टीकरण में भरोसा है. वे दिन-रात वह इसी काम में लगे हुए हैं, लेकिन बहुसंख्यक आबादी की भावनाओं को नजरअंदाज करके तुष्टीकरण की मार्ग पर चलना राजद को भारी पड़ेगा.
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के मुख्य राष्ट्रीय प्रवक्ता श्याम सुंदर शरण ने कहा कि पत्रकारों के हित में तत्कालीन मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी की ओर से लिये गये निर्णय को बिहार सरकार लागू करे. सोमवार को पार्टी कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस कर श्री शरण ने कहा कि इंडिया गठबंधन के नेता लगातार सनातन पर अभद्र टिप्पणी कर भावनाएं आहत कर रहे हैं.
पहले शिक्षा मंत्री, अब विधायक फतेह बहादुर सिंह की अभद्र टिप्पणी पर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव चुप हैं. लालू परिवार का पूजा-पाठ भी दिखावा है. नहीं तो लालू परिवार हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ बयान देने वाले नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करता. कहा है कि पार्टी अब ऐसे नेताओं के खिलाफ आंदोलन करेगी. मौके पर पिंटू रजक, रंजन सिंह, राकेश रंजन, अनिल रजक, गिरिधारी सिंह मौजूद थे.