पटना : बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बिहार बोर्ड ) ने शनिवार को माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (एसटीइटी)-2019 को रद्द कर दिया. बिहार बोर्ड की ओर से गठित चार सदस्यीय जांच कमेटी ने इस साल 28 जनवरी को 317 परीक्षा केंद्रों पर दो पालियों में आयोजित एसटीइटी-2019 को निरस्त करने की अनुशंसा की थी, जिसके आलोक में बोर्ड ने उसे रद्द करने का निर्णय लिया. साथ ही बोर्ड फिर से परीक्षा लेने के लिए शिक्षा विभाग को अपनी अनुशंसा भेजेगी. जांच कमेटी रिटायर्ड आइएएस अधिकारी सह बिहार बोर्ड के मुख्य निगरानी पदाधिकारी नीलकमल की अध्यक्षता में गठित की गयी थी, जिसमें बोर्ड के पदाधिकारी संजय प्रियदर्शी, निकुंज प्रकाश नारायण और राजीव कुमार शामिल थे.
प्रश्नपत्र सेट करने में हुई गलतीकमेटी ने जांच रिपोर्ट में कहा कि शिक्षा सुधार रोजगार के नीरज कुमार द्वारा दर्ज याचिका संख्या 5650/2020 में मुख्य रूप से चार विषयों के प्रश्नपत्रों पर आपत्ति दर्ज की गयी थी. जांच में इनमें से तीन विषय विज्ञान, गणित व संस्कृत से संबंधित प्रश्नपत्र सही पाये गये. लेकिन, सामाजिक विज्ञान विषय से संबंधित प्रश्नपत्र में गड़बड़ी पायी गयी. सामाजिक विज्ञान विषय में अभ्यर्थियों को सहायक विषय/प्रतिष्ठा के अंतर्गत इतिहास, भूगोल, राजनीति शास्त्र व अर्थशास्त्र में से किसी दो विषयों में उत्तीर्ण होना अनिवार्य है, जिनमें एक विषय इतिहास व भूगोल अवश्य हो. प्रश्न सभी चार विषयों से पूछे गये, जो उचित है.
लेकिन, सेटर को प्रश्नपत्र विषयवार चार ग्रुपों में बांटना चाहिए था. इनमें इतिहास और भूगोल में से किसी एक विषय के प्रश्नों का उत्तर देना अभ्यर्थियों के लिए अनिवार्य होता. शेष तीनों विषयों में से किसी एक विषय के प्रश्नों का उत्तर देने का विकल्प होता. लेकिन, प्रश्नपत्र सेटर ने चारों विषयों को अलग-अलग ग्रुपों में नहीं बांट कर सामाजिक विज्ञान के समस्त प्रश्नों को एक ग्रुप में ही डाल दिया, जो उचित नहीं है. कमेटी ने सामाजिक विज्ञान के प्रश्न सेटर के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए शिक्षा विभाग को अनुशंसा भेजी गयी है.
प्रश्नपत्र वायरल किये जाने की भी आशंका
इसके साथ ही पांच परीक्षा केंद्रों पर परीक्षार्थियों ने तोड़फोड़, हंगामा, प्रश्नपत्र फाड़ना और मारपीट जैसी घटनाएं की थीं. ऐसे में प्रश्नपत्र को फाड़ने और परीक्षा का बहिष्कार करने वाले परीक्षार्थियों द्वारा प्रश्नपत्र को मोबाइल के माध्यम से जहां-तहां भेजने की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता है. इसको देखते हुए जांच कमेटी ने दोनों पालियों में हुई परीक्षा को निरस्त करने की अनुशंसा की.
37,440 शिक्षकों की सीटों के लिए हुआ था एसटीइटी
हाइस्कूल ((वर्ग 9 एवं 10) के लिए पेपर-1 के तहत कुल 25,270 शिक्षकों की सीटों के लिए एसटीइटी हुआ था. इनमें अंग्रेजी में 5054, गणित में 5054, विज्ञान में 5054, सामाजिक विज्ञान में 5054, हिंदी में 3000, संस्कृत में 1054, उर्दू में 1000 सीटें हैं. वहीं प्लस टू स्कूल (वर्ग 11 एवं 12) के लिए पेपर-2 के तहत कुल 12,170 सीटों के लिए एसटीइटी हुआ था. इनमें अंग्रेजी में 2125, गणित में 2104, भौतिकी में 2384, रसायन शास्त्र में 2221, प्राणी शास्त्र में 723, वनस्पति शास्त्र में 835, कंप्यूटर साइंस में 1673 व मैथिली में 105 सीटें हैं. पेपर-1 परीक्षा के लिए एक लाख 81 हजार 738 लोगों ने फॉर्म था.
वहीं, पेपर-2 के लिए 65 हजार 503 लोगों ने परीक्षा फॉर्म भरा था. वहीं, शिक्षा सुधार रोजगार के नीरज कुमार ने कहा कि परीक्षा लेने से पहले शिक्षा विभाग सिलेबस जारी करे. सिलेबस के बाद जल्द परीक्षा आयोजित हो.28 जनवरी को दो पालियों में हुई थी परीक्षाइस साल 28 जनवरी को प्रथम पाली में पेपर वन (माध्यमिक स्तर) में सात विषयों की परीक्षा ली गयी थी, जबकि दूसरी पाली में पेपर टू (उच्च माध्यमिक स्तर) में आठ विषयों की परीक्षा हुई थी. पांच केंद्रों की परीक्षा हुई थी रद्दकुल 317 में से पांच केंद्रों की परीक्षा रद्द की गयी थी. प्लस टू जिला स्कूल गया, एसपी शाही इंटर कॉलेज पताही मुजफ्फरपुर, महेंद्र महिला कॉलेज गोपालगंज व राजेंद्र मिश्र कॉलेज सहरसा की पहली पाली, जबकि एएन कॉलेज पटना की दूसरी पाली की परीक्षा रद्द हुई थी.