बिहार लोक सेवा आयोग ने बिहार के सरकारी स्कूलों के लिए कक्षा एक से 12वीं तक विद्यालय अध्यापकों के चयन के लिए सिलेबस और परीक्षा पैटर्न जारी कर दिया है. आयोग अब कुछ ही दिन में विज्ञापन भी जारी करने जा रहा है, लेकिन वह विज्ञापन शिक्षा विभाग की तरफ से घोषित कुल 1.78 लाख शिक्षकों की रिक्तियों से कुछ कम संख्या का हो सकता है.
दरअसल कई कला और भाषा समूह के ऐसे विषय हैं, जिनकी एसटीइटी परीक्षा पिछले दस सालों से हुई नहीं है. ऐसे में सरकार की मंशा है कि पहले ऐसे विषयों की राज्य स्तरीय पात्रता परीक्षा (एसटीइटी) करा ली जाये. उसके बाद उनका विज्ञापन निकाला जाये. हालांकि इस पर अभी तक अंतिम निर्णय नहीं हो सका है.
सूत्र बताते हैं कि शिक्षा विभाग की इसी मंथन के चलते प्लस टू स्कूलों की रिक्तियों की अधियाचना बिहार लोक सेवा आयोग को नहीं पहुंचायी जा सकी है. जबकि प्राथमिक- मध्य की रिक्तियों की अधियाचना बिहार लोक सेवा आयोग को भेजी जा चुकी है. जल्द ही इसका नोटिफिकेशन भी जारी हो सकता है.
सरकार की मंशा है कि जिन विषयों की 2012 के बाद एसटीइटी नहीं हुई है, उनकी नियुक्तियां एसटीइटी कराने के बाद निकाली जाएं. वर्ष 2012 में ही भाषा विषयों व विज्ञान के साथ कला समूह के विषयों की एसटीइटी करायी गयी थी. जाहिर है कि इतिहास, भूगोल, राजनीति शास्त्र, भूगोल, गृह विज्ञान, मनोविज्ञान, दर्शन शास्त्र और भाषा विषयों आदि में एसटीइटी करायी जा सकती है.
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माध्यमिक स्कूलों में कुल 33186 में से 50 फीसदी से अधिक करीब 16641 रिक्तियां भाषा विषयों से जुड़ी हैं. वहीं उच्चतर माध्यमिक की कुल 57618 रिक्तियों में 18.51 फीसदी 10669 पद भाषाओं से जुड़े हैं. इसमें बिहार की क्षेत्रीय भाषाओं मगही, मैथिली, भोजपुरी और बंगाली के शिक्षकों की संख्या 111 है.