पटना विश्वविद्यालय के बीएन कॉलेज मेन हॉस्टल के करीब सौ से अधिक कमरों में अवैध रूप से रह रहे छात्रों को हॉस्टल से बाहर का रास्ता दिखा दिया. जिला प्रशासन व कॉलेज प्रशासन की टीम ने दल बल के साथ वहां अवैध रूप से रह रहे छात्रों से हॉस्टल को खाली कराया. मिली जानकारी के अनुसार ज्यादातर कमरे जर्जर और खतरनाक थे और वर्षों से उनकी मरम्मती नहीं हुई थी. वहीं कुछ छात्र अभी हाल में मरम्मत किये गये कमरों में भी रह रहे थे. उन्हें भी बाहर कर दिया गया. कॉलेज प्रशासन के द्वारा सभी कमरों को सील कर नया ताला जड़ दिया गया है. पुलिस को देख ज्यादातर अवैध रूप से रहने वाले छात्र पहले ही हॉस्टल छोड़कर निकल गये थे. कुछ छात्रों ने हॉस्टल खाली करने पर विरोध जाहिर किया, लेकिन प्रशासन के सख्त रवैये को देखते हुए उनकी एक नहीं चली.
हॉस्टल सुप्रिटेंडेंट प्रो डीएन शर्मा ने बताया कि छात्रों को कई बार नोटिस दिया गया था, लेकिन वे जर्जर भवन को खाली नहीं कर रहे थे. बिना भवन को खाली किये हुए बिहार स्टेट एजुकेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन को मरम्मती के लिए हैंडओवर नहीं किया जा सकता है. सौ के करीब कमरों को खाली कराकर सील कर दिया गया है. ज्यादातर छात्र नोटिस के बाद से हॉस्टल छोड़कर गायब हो गये थे.
उन्होंने बताया कि शालीग्राम ब्लॉक में 57 में 57 कमरों को सील कर दिया गया. इसमें 40 कमरों में अवैध रूप से छात्र रह रहे थे. अर्न ब्लॉक में भी 57 कमरों में 57 को सील कर दिया गया है. इन्हीं दोनों ब्लॉक में काम होने हैं. इसके अतिरिक्त फकरुद्दीन ब्लॉक में कुल 66 कमरे हैं. इसमें भी तीन कमरों में अवैध छात्र रह रहे थे. उसे खाली कराकर सील कर दिया गया है. कुछ छात्र सामान छोड़कर चले गये हैं, उसे जब्त कर लिया गया है.
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जिला प्रशासन की मदद से हॉस्टल से अवैध रूप से रह रहे छात्रों को बाहर कर दिया गया है. उक्त भवन की मरम्मत करायी जानी है, लेकिन छात्र उसे छोड़ नहीं रहे थे. एक ब्लॉक की मरम्मत हो चुकी है. अभी दो ब्लॉक की मरम्मत होनी है. जल्द ही निर्माण कार्य शुरू होगा. -प्रो राजकिशोर प्रसाद, प्राचार्य, बीएन कॉलेज