कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने रविवार को अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सौंपा. मुख्यमंत्री ने उनका इस्तीफा स्वीकार करते हुए राज्यपाल फागू चौहान को अपनी अनुशंसा भेज दी. माना जा रहा है कि राज्यपाल ने अपनी मंजूरी दे दी है. सुधाकर सिंह अब राज्य मंत्री परिषद के सदस्य नहीं रहे. पर्यटन मंत्री कुमार सर्वजीत को कृषि विभाग की नई जिम्मेदारी दी गई है. वहीं पर्यटन विभाग का अतिरिक्त प्रभार उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव को दिया गया है.
सरकार और अधिकारी विरोधी बयानों को लेकर चर्चा में चल रहे सुधाकर सिंह मुख्यमंत्री और जदयू सरकार के खिलाफ लगातार बोल रहे थे. कृषि विभाग में भ्रष्टाचार को लेकर अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए थे. गृह जिला में किसानों के एक कार्यक्रम में मंच से कहा था कि उनके विभाग के अधिकारी चोर हैं. वे खुद भी चोरों के सरदार हैं. विभिन्न मंचों पर नीतीश सरकार के फैसलों को लेकर नाराजगी जतायी थी. कुछ दिन पहले कैमूर में ही कृषि अधिकारी को जूते से पीटने की अपील तक कर दी थी.
इससे पहले राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने इस्तीफे की खबर पर कहा था कि बिहार के कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने किसानों और गांव के हित में अपना इस्तीफा दिया है. उन्होंने यह इस्तीफा सरकार को भेज दिया है ताकि सरकार अच्छे से चले. कहा कि कृषि मंत्री मंडी कानून का सवाल उठा रहे थे. ये मुद्दा किसानों के हित से जुड़ा है.
जानकारी के मुताबिक जगदानंद सिंह ने भी हाल ही में एक बयान दिया था कि तेजस्वी यादव 2023 में सीएम बनेंगे. इसको लेकर सरकार के मुख्य साझीदार दल जदयू ने सख्त आपत्ति जाहिर की थी. इसके बाद तेजस्वी यादव ने जगदानंद सिंह के बयान से सैद्धांतिक तौर पर असहमत होते हुए कहा था कि इस तरह के बयान नहीं आने चाहिए थे. यही नहीं शनिवार को उन्होंने राजद प्रदेश पदाधिकारियों को बयान देने से भी मना कर दिया. इस तरह पहले विधायक सुधाकर सिंह के विभागीय भ्रष्टाचार संबंधी बयान और उसके बाद राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह का बयान राजद अालाकमान के लिए सिरदर्द बन गया. दरअसल महागठबंधन भी इसको लेकर खासा असहज दिख रहा था.