मुजफ्फरपुर. बारिश नहीं होने के कारण जिला सूखे की चपेट में है. हालात यह है कि अब तक जिले में महज 15 फीसदी रोपनी ही हुई है. जबकि अन्य वर्षों में जुलाई के मध्य तक धान रोपनी का टारगेट अंतिम चरण में रहता था. दूसरी ओर अब धान के बिचड़ा पीला पड़ने के साथ उसमें गांठ बनना शुरू हो गया है, जिस वजह से किसानों की मुसीबत और बढ़ गयी है. स्थिति यह है कि बिचड़ा की तरह ही किसानों का चेहरा भी मुरझा गया है. जिले के कुछ किसान पटवन कर बिचड़ा को बचाने में जुटे हैं. दूसरी ओर सोमवार को मुख्यालय से सूखे की स्थिति को लेकर वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जिले की समीक्षा की गयी.
इस दौरान जिला कृषि पदाधिकारी शिलाजीत सिंह को कई अहम निर्देश दिये गये. फिलहाल बिचड़ा को बचाने के लिए मुख्यालय स्तर से विशेष निर्देश दिया गया है. इसके लिए सभी प्रखंडों में कृषि समन्वयक को जिम्मेवारी दी गयी है. अनुदान के तहत डीजल की व्यवस्था कर बोरिंग से पटवन कर तत्काल बिचड़ा को बचाने का निर्देश दिया गया है. जिले में कई जगहों पर ट्रांसफॉर्मर खराब होने की शिकायत की गयी है. इसके लिए जिला कृषि पदाधिकारी ने संबंधित विद्युत कार्यपालक अभियंता को भी पत्र लिखा है ताकि किसानों को बिचड़ा बचाने में बिजली संकट का सामना नहीं करना पड़े.
सुखाड़ के कारण जिले में धान की फसल पूरी तरह से प्रभावित हो गयी है. फसल की भरपाई के लिए आकस्मिक फसल योजना की तैयारी शुरू कर दी गयी है. कृषि विभाग की ओर से जल्द ही सर्वे कराया जाएगा. पटना विभागीय स्तर पर भी इस संदर्भ में गाइड लाइन जारी किया गया है. प्रभावित फसल क्षेत्रों में कम समय में होने वाले धान के साथ अन्य फसलों को लगाया जाएगा.
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जिले में धान के साथ दलहन, मक्का के साथ सब्जी की खेती पर भी तापमान का असर पड़ने लगा है. जिले के अलग-अलग प्रखंडों से किसनों ने मक्का में कीड़ा लगने की शिकायत की है. इस बारे में भी जिला कृषि पदाधिकारी ने सभी कृषि समन्वयकों को सर्वे कर डाटा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. दिनों-दिन तापमान बढ़ने से सब्जी की फसल भी झुलसने लगी है.