14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सुप्रीम कोर्ट: बिहार में पुलिस राज के हालात!साधारण और प्रभावशाली व्यक्ति की आजादी में नहीं कर सकते अंतर

सुप्रीम कोर्ट ने बगैर किसी प्राथमिकी के एक वाहन चालक को 35 दिन तक पुलिस हिरासत में रखने के मामले में पांच लाख रुपये का मुआवजा देने संबंधी पटना हाइकोर्ट के आदेश के खिलाफ बिहार सरकार की अपील शुक्रवार को खारिज कर दी. शीर्ष अदालत ने कहा कि एक वाहन चालक जैसे साधारण व्यक्ति और एक प्रभावशाली व्यक्ति को उसकी आजादी से वंचित करने के मामले में किसी प्रकार का विभेद नहीं किया जा सकता.

सुप्रीम कोर्ट ने बगैर किसी प्राथमिकी के एक वाहन चालक को 35 दिन तक पुलिस हिरासत में रखने के मामले में पांच लाख रुपये का मुआवजा देने संबंधी पटना हाइकोर्ट के आदेश के खिलाफ बिहार सरकार की अपील शुक्रवार को खारिज कर दी. शीर्ष अदालत ने कहा कि एक वाहन चालक जैसे साधारण व्यक्ति और एक प्रभावशाली व्यक्ति को उसकी आजादी से वंचित करने के मामले में किसी प्रकार का विभेद नहीं किया जा सकता.

कोर्ट ने इस तथ्य पर भी ध्यान दिया कि एक दूध वैन के चालक को पिछले साल देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान बिना किसी कारण के हिरासत में लिया गया था. कोर्ट ने कहा कि ऐसा लगता है कि बिहार राज्य में पुलिस राज चल रहा है.

न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एमआर शाह की पीठ ने शुरू में कहा कि बिहार सरकार को पिछले साल 22 दिसंबर के पटना हाइकोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील दायर नहीं करनी चाहिए थी.

Also Read: बिहार में फर्जी कंपनियों के खिलाफ इनकम टैक्स की बड़ी कार्रवाई, 171 करोड़ की टैक्स चोरी का हुआ खुलासा

बिहार की ओर से पेश अधिवक्ता देवाशीष भरुका ने कहा कि राज्य ने थाना प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई की है और अनुशासनात्मक कार्रवाई जारी है. एक चालक को पांच लाख रुपये का मुआवजा देय नहीं हो सकता है.

पीठ ने कहा कि चालक जैसे एक विनम्र, साधारण व्यक्ति और एक प्रभावशाली व्यक्ति को उसकी आजादी से वंचित करने के मामले में किसी प्रकार का विभेद नहीं किया जा सकता.

POSTED BY: Thakur Shaktilochan

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें