पटना. पूर्व उप मुख्यमंत्री सह राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने सातवें चरण की शिक्षक भर्ती की मांग करने वाले छात्रों पर लाठीचार्ज की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि शिक्षक नियुक्ति में विलंब के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार 15 साल से बिहार के मुख्यमंत्री हैं. और शिक्षा विभाग लगातार उनकी पार्टी जदयू के पास ही रहा है. इसलिए उन्हें अपनी नाकामी स्वीकार करनी चाहिए.
राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा कि छात्रों की मांग जायज है. इसे अविलंब पूरा करने के बजाय बिहार सरकार ने नौकरी मांगने वाले छात्रों की पिटाई करा दी. जिस एडीएम ने छात्रों के साथ यह यह बर्बरता की है उसे तुरंत निलंबित किया जाना चाहिए. कारतूस-प्रेमी नये शिक्षा मंत्री 20 लाख लोगों को नौकरी देने का वादा करते हैं. जबकि शिक्षक की नौकरी मांगने वालों पर डंडे बरसाये जाते हैं.
सुशील मोदी ने कहा कि तेजस्वी प्रसाद यादव ने कैबिनेट की पहली बैठक में 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने का वादा कर युवाओं से वोट लिये थे. लेकिन महा गठबंधन सरकार की तीन कैबिनेट बैठकों के बाद भी किसी को नौकरी नहीं मिली. सुशील मोदी ने पूछा कि राजद ने अपने घोषणा-पत्र में ‘ समान काम – समान वेतन ‘ का जो वादा किया था, उसका क्या हुआ?
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सुशील मोदी ने सरकार से सवाल करते हुए पूछा की बताये कि किस विभाग में कितनी रिक्तियां हैं और कितने नये पद सृजित किये गये ? उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव ने 4.5 लाख रिक्त पदों पर भर्ती करने और 5.5 लाख नये पद सृजित कर सरकारी नौकरी देने का वादा किया था. अब सत्ता मिलने पर वे नौकरी की जगह रोजगार की बात कर लोगों को धोखा दे रहे हैं.