बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने पैरोल पर रिहा पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई की मांग उठाई है. उन्होंने कहा कि आनंद मोहन 14 साल से अधिक की सजा काट चुके हैं और उनका आचरण भी अच्छा रहा है. ऐसे में उन्हें रियायत देकर रिहा करने के कानूनी विकल्पों पर विचार किया जाना चाहिए.
राजीव हत्याकांड के दोषी बरी हो सकते हैं, तो आनंद मोहन क्यों नहीं?
सुशील मोदी ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर लिखा कि जब राजीव गांधी की हत्या में दोषी पाए गए लोगों को रिहा किया जा सकता है, तब पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई भी संभव है और इसके लिए राज्य सरकार को कानून का पालन करते हुए गंभीरता से पहल करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि यद्यपि कृष्णैया हत्याकांड में भीड़ को उकसाने या हत्या के अपराध में आनंद मोहन सीधे तौर पर दोषी नहीं थे, फिर भी उन्हें उम्र कैद की सजा हुई. सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सजा को बरकरार रखा.
पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जब राजीव गाँधी की हत्या में दोषी पाए गए लोगों को रिहा किया जा सकता है, तब पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई भी संभव है और इसके लिए राज्य सरकार को कानून का पालन करते हुए गंभीरता से पहल करनी चाहिए।
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) February 13, 2023
आनंद मोहन की रिहाई के लिए पहल करे नीतीश सरकार
सुशील मोदी ने कहा कि आनंद मोहन जब 14 साल से अधिक की सजा काट चुके हैं और बंदी के रूप में उनका आचरण भी अच्छा रहा है, तब उन्हें रियायत देकर रिहा करने के कानूनी विकल्पों पर सहानुभूति पूर्वक विचार किया जाना चाहिए. सुशील मोदी ने कहा कि आनंद मोहन एनडीए के पुराने साथी रहे. उन्होंने नीतीश कुमार के साथ मिल कर चुनाव लड़ा था. भाजपा नेता ने कहा कि एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना आनंद मोहन जी के जीवन और परिवार पर बहुत भारी पड़ी. उन्हें मुक्ति मिलनी चाहिए ताकि वे सार्वजनिक जीवन में योगदान कर सकें. नीतीश सरकार आनंद मोहन के रिहाई के लिए पहल करनी चाहिए.
15 फरवरी को आनंद मोहन की बेटी की शादी
बता दें कि पूर्व सांसद आनंद मोहन बेटी की शादी के लिए पिछले दिनों ही पैरोल पर जेल से बाहर आये हैं. शुक्रवार से उनकी बेटी की शादी की रस्में भी शुरू हो चुकी हैं. शुक्रवार को मुंगेर में सुरभि का तिलक हुआ है. 15 फरवरी को उनकी शादी है. इसके लिए आनंद मोहन के आवास पर तैयारियां जोरों से चल रही हैं. खुद आनंद मोहन खरीददारी से लेकर अन्य व्यवस्था में लगे हुए हैं.