जूही स्मिता,पटना: पढ़ने और पढ़ाने की कोई उमर नहीं होती है. बस आपका जज्बा ही आपको आपके मुकाम तक पहुंचाता है. पिछले साल कोरोना के दस्तक के साथ सारी चीजें ठप हो गयी थीं. हर कोई अपने घर में रहने के लिए विवश था, लेकिन इस कोरोना काल ने लोगों को डिजिटली कनेक्ट होने का मौका भी दिया. आज शहर के कई ऐसे लोग हैं जो डिजिटल माध्यम से जुड़कर प्रतिभागियों के सपने को पूरा करने में अपना योगदान दे रहे हैं. इन सभी ने पिछले साल कोरोना काल में यूट्यूब पर अपने चैनल के जरिये सिर्फ शहर में ही नहीं, पूरे देश के प्रतिभागियों को पढ़ने और तैयारी करने में मदद की. इनके वीडियो के लाखों सब्सक्राइबर्स हैं. पेश है एक रिपोर्ट.
यूट्यूब पर खान जीएस रिसर्च सेंटर चैनल की शुरुआत खान सर ने पिछले साल अप्रैल में की थी. शुरू में इसके 2-4 व्यूज ही मिलते थे, लेकिन आज 12.1 मिलियन सब्सक्राइबर्स हैं. इन्होंने 311 वीडियो अपलोड किये हैं. प्रभात खबर से वे कहते हैं कि उन्हें पढ़ाने का जूनून है. जब लॉकडाउन हुआ, तो उन्हें लगा कि किस तरह से वे स्टूडेंट्स से जुड़ें. यही वजह रही कि वे डिजिटल प्लेटफॉर्म से जुड़े. वे कहते हैं-आज सभी को कम समय में पूरी जानकारी चाहिए, जिसमें प्रैक्टिकल नॉलेज होना बेहद अहम है. मैं अपने वीडियो को हमेशा विषय अनुसार, बिल्कुल सरल और बोलचाल की भाषा बनाता हूं.
खान सर कहते हैं कि जब भी कोई विषय लेता हूं, उसे पूरे जज्बात के साथ पढ़ाता हूं. इससे स्टूडेंट्स अपने को आसानी से कनेक्ट कर लेता है. डिजिटल प्लेटफॉर्म में पढ़ाते वक्त कैमरा ही मेरे स्टूडेंट्स होते हैं. आज भी मैं यही कहूंगा कि ऑफलाइन पढ़ाई की जगह कभी भी ऑनलाइन मोड नहीं ले सकती हैं, क्योंकि इसमें गुरु-शिष्य के जो जज्बात होते हैं.
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हाजीपुर के रहने वाले डॉ रंजीत कुमार सिंह पंचायती राज विभाग के निदेशक हैं. वे बताते हैं कि शहर के कई लोग यूपीएससी, बीपीएससी और अन्य पीसीएस परीक्षाओं की तैयारियां करना चाहते हैं. पिछले साल लॉकडाउन में उन्होंने परीक्षार्थियों के लिए यूट्यूब चैनल डॉ रंजीत कुमार सिंह, आइएएस की शुरुआत की. इसमें वे सिविल सर्विसेस (यूपीएससी, बीपीएससी और अन्य पीसीएस परीक्षाओं )से जुड़े वीडियो शेयर करते हैं.
रंजीत कुमार सिंह रोजाना ऑफिस से घर लौटने के बाद और छुट्टी के समय वीडियो तैयार करते हैं, जिनमें कई विषय शामिल होते हैं. पिछले एक साल में उनके चैनल के 163 हजार सब्स्क्राइबर्स हो गये है. उन्होंने अब तक 747 वीडियो अपलोड किया है.
गुरु एम रहमान बताते हैं कि जब सारे कोचिंग संस्थान बंद हो गये तो दूर-दराज में रहने वाले स्टूडेंट्स में सिविल सर्विसेस की तैयारी को लेकर घबराहट होने लगी. उस वक्त मुझे लगा कि अगर डिजिटल माध्यम का पहुंच हर किसी के पास है, तो क्यों ना यूट्यूब पर वीडियो डाल कर उनकी मदद की जाए. उन्होंने रहमान एम सिविल सर्विसेस नाम से चैनल की शुरुआत की जिसमें वे इतिहास, फिजिक्स, केमेस्ट्री, जीएस और अन्य विषयों से जुड़े वीडियो शामिल होते हैं.इससे मेरे पढ़ाने के जज्बे को जारी रखा और स्टूडेंट्स भी इससे लाभान्वित हुए.
मैं बस इतना कहना चाहता हूं आज भी हम कितना भी डिजिटल हो जाएं, लेकिन ऑफलाइन मोड की पढ़ाई की जगह कभी कोई नहीं ले सकता है. जब तक की गुरु-शिष्य आमने-सामने नहीं बैठेंगे तब तक शिक्षा पूर्णता प्राप्त नहीं होगी. पिछले एक साल में चैनल के 147 हजार सब्सक्राइबर्स है और 1500 से ज्यादा वीडियो मौजूद हैं
POSTED BY: Thakur Shaktilochan