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बिहार के नियोजित शिक्षकों को मिलेगा राज्यकर्मी का दर्जा! जानिए सीएम नीतीश की बैठक में क्या हुआ

सीएम नीतीश कुमार ने शिक्षकों के विभिन्न मुद्दे पर शनिवार को महागठबंधन के घटक दलों के साथ बैठक की. जिसके बाद सीएम आवास से बाहर निकले विधायक बैठक को लेकर काफी संतुष्ट दिखे उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिक्षकों की मांगों को पूरा करने की दिशा में लग चुके हैं.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिक्षक नियुक्ति के मसले पर शनिवार को महागठबंधन के सहयोगी दलों के नेताओं के साथ बैठक की. शनिवार को शाम चार बजे मुख्यमंत्री आवास पर शुरू हुई इस बैठक में शिक्षक नियुक्ति से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई. बैठक में महगठबंधन की पार्टियों के साथ ही संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, शिक्षा मंत्री प्रो चंद्रशेखर और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक भी उपस्थित हुए. करीब दो घंटे चली इस बैठक से निकलने के बाद नेताओं ने कहा कि सीएम को विस्तार से सभी मुद्दों की जानकारी दी है. हम लोग सीएम से बातचीत के बाद संतुष्ट हैं. मुख्यमंत्री जी जल्द ही विषय में फैसला लेंगे. शिक्षकों की मांग जल्द पूरी हो जाएगी.

प्रक्रिया में लगेगा थोड़ा वक्त : माले विधायक महबूब आलम

मीटिंग से बाहर निकले माले विधायक महबूब आलम ने कहा कि मुख्यमंत्री ने सभी शिक्षकों की मांग को सुना. महबूब आलम के मुताबिक मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि शिक्षकों के संबंध में आपलोगों को चर्चा के लिये बुलाया है. जहां तक शिक्षक नियुक्ति या अन्य किसी भी नियमावली में विसंगतियां है, तो उसे दूर किया जायेगा. महबूब आलम ने कहा कि शिक्षकों को राज्य कर्मियों को दर्जा देने की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले में अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिया गया है. जल्द ही इस पर भी निर्णय होगा. साथ ही, शिक्षक के मामले में सभी तरह के शिक्षकों के यानी उर्दू शिक्षक, टोला शिक्षक सहित सभी शिक्षक की नियुक्त नियमावली मामले विसंगितयों को दूर किया जायेगा.

शिक्षकों से ली जा सकती है विभागीय परीक्षा : डा. शकील अहमद खान

वहीं बैठक में शामिल कांग्रेस विधायक दल के नेता डा शकील अहमद खान ने बताया कि शिक्षकों की नियुक्ति प्रतियोगिता परीक्षा के आधार पर कराने पर कांग्रेस ने अपनी सहमति जतायी. स्कूलों में योग्य शिक्षकों की आवश्यकता है. विद्यालयों में शैक्षणिक गतिविधि का माहौल बने. इस पर किसी तरह की राजनीति नहीं होनी चाहिए. उन्होंने बताया कि नियोजित शिक्षकों को सरकारी सेवक के दर्जा देने पर मुख्यमंत्री का सकारात्मक रूख था. इसके लिए मुख्यमंत्री अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं. सरकारी सेवक का दर्जा देने की एक प्रक्रिया है. उस प्रक्रिया पर मुख्यमंत्री अधिकारियों से बात कर रास्ता निकाल सकते हैं. इससे राजकोष पर अधिक बोझ भी नहीं बढ़ेगा. राज्य में चार-पांच लाख शिक्षक हैं उनके हितों की चिंता सभी दलों और मुख्यमंत्री को खुद है. मुख्यमंत्री ने खुद बैठक में बताया कि उन्होंने नियोजित शिक्षकों के वेतनमान और सेवा शर्तों में कितना सुधार किया है.

मुख्यमंत्री शिक्षकों की मांग पर पॉजिटिव : संदीप सौरभ

उधर, बैठक में शामिल भाकपा माले विधायक संदीप सौरभ ने कहा कि शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा मिलेगा. इसको लेकर मुख्यमंत्री का सकारात्मक रूख रहा है. बीपीएससी के माध्यम से कोई परीक्षा नहीं होगी. लेकिन इस मामले में कोर्ट का दिशा- निर्देश है. जिसको देखते हुए सरकार शिक्षकों की विभागीय परीक्षा ले सकती है और उसके बाद उन्हें राज्य कर्मी का दर्जा मिल जायेगा. सौरभ ने कहा कि अब आगे कोई वार्ता नहीं होगी. क्योंकि मुख्यमंत्री शिक्षकों की मांग पर पॉजिटिव है और जल्द ही शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा मिलेगा.

विजय चौधरी ने विधानमंडल में कहा था होगी बैठक

बता दें कि विधानमंडल के मानसून सत्र के दौरान संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने दोनों ही सदनों में कहा था कि सत्र समाप्ति के बाद मुख्यमंत्री इस मसले पर विचार विमर्श करेंगे. इसी के मद्देनजर आज यह बैठक बुलायी गयी थी. बैठक में शिक्षकों से जुड़ी विभिन्न मांगों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चर्चा की है.

शिक्षक संघों की क्या है मांग?

  • सरकार पुरानी पेंशन योजना लागू करे

  • नियोजित शिक्षकों को बिना शर्त मिले राज्यकर्मी का दर्जा

  • बिहार में पुरानी डोमिसाइल नीति लागू हो

  • शिक्षकों को सामान काम का सामान वेतन मिले

क्यों विरोध कर रहे शिक्षक

दरअसल, राज्य में बिहार लोकसेवा आयोग के माध्यम से 1 लाख 70 हजार शिक्षकों की बहाली की जानी है. नियोजित शिक्षकों को भी राज्यकर्मी का दर्जा पाने के लिए बीपीएससी द्वारा अगस्त में आयोजित होने वाली यह परीक्षा देनी है. इसके साथ ही शिक्षक नियुक्ति में डोमिसाइल नीति भी लागू की गई जिसके तहत राज्य के बाहर के लोग भी इन पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं. राज्य के मौजूदा शिक्षक इसी नई नियमावली का विरोध कर रहे हैं. इसको लेकर कई बार विरोध किया गया है.

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