बिहार के दो बड़े राजनेता डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और पूर्व सांसद व बाहुबली आनंद मोहन के लिए आज का दिन अहम होने वाला है. इन दोनों नेताओं को लेकर कोर्ट में आज अलग-अलग मामलों में सुनवाई होनी है. एक ओर जहां तेजस्वी यादव को लेकर लैंड फॉर जॉब मामले में CBI की ओर से दायर चार्जशीट पर दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई होनी है. तो वहीं हाल ही में गोपालगंज के पूर्व डीएम जी कृष्णैया हत्याकांड में सजा काटने के बाद जेल से बाहर निकले आनंद मोहन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है.
आनंद मोहन की रिहाई पर होगा सुप्रीम कोर्ट में फैसला
पूर्व बाहुबली सांसद आनंद मोहन की सहरसा जेल से रिहाई होने के बाद इस मामले में जी कृष्णैया के परिवार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. इसी याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की जाएगी. वहीं इससे पहले इस मामले में राज्य सरकार और आनंद मोहन से कोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. जिसके बाद सभी पक्षों ने जवाबी हलफ़नामा दायर कर दिया है. बिहार सरकार ने दायर हलफनामे में आनंद मोहन की रिहाई को सही ठहराया है. वहीं आनंद मोहन ने भी हलफ़नामा दायर कर अपनी रिहाई को सही बताया है.
आनंद मोहन मामले में जी कृष्णैया की पत्नी ने दायर की है याचिका
आनंद मोहन को लेकर जी कृष्णैया की पत्नी द्वारा दायर याचिका में राज्य सरकार द्वारा आनंद मोहन की रिहाई से पहले किये गए विशेष प्रावधान पर भी सवाल उठाए गए हैं. अब इस मामले में आज जस्टिस जेएस पारदीवाला और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच मंगलवार को सुनवाई करने वाली है. जिसके बाद यह तय किया जाएगा की बिहार सरकार द्वारा लिया गायन आनंद मोहन की रिहाई का फैसला न्यायसंगत है या नहीं. यह सुनवाई आनंद मोहन के लिए काफी हम है क्योंकि इसी से तय होगा कि आनंद मोहन फिर से जेल जाएंगे या उनकी रिहाई पर मुहर लग जाएगी.
आनंद मोहन का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट….
गोपालगंज के पूर्व डीएम जी कृष्णैया की हत्या 5 दिसंबर 1994 को हुई थी. इसी मामले में आनंद मोहन को आरोपी बनाया गया और फिर 3 अक्टूबर 2007 को फांसी की सजा सुनाई गई. आनंद मोहन को मिली उम्रकैद की सजा को पटना हाईकोर्ट ने 10 दिसंबर 2008 को बदल कर उम्रकैद कर दिया. आनंद मोहन द्वारा लंबी सजा काटे जाने के बाद राज्य सरकार ने 24 अप्रैल 2023 को आनंद मोहन सहित 27 कैदियों की रिहाई के आदेश दिए थे. लेकिन इससे पहले बिहार सरकार ने 10 अप्रैल 2023 को जेल मैन्युअल से काम के दौरान सरकारी सेवक की हत्या को हटा दिया. सरकार द्वारा किये इस प्रावधान पर भी याचिका में सवाल खड़े किये गए हैं.
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लैंड फॉर जॉब मामले में होगी सुनवाई
बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को लेकर लैंड फॉर जॉब मामले में आज सीबीआई की तरफ से दायर चार्जशीट पर दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई होनी है. मंगलवार को सीबीआई द्वारा इस मामले में चार्जशीट दायर की गई थी. आज सुनवाई के दौरान कोर्ट में तेजस्वी यादव के वकील उनका पक्ष रखेंगे. आज की सुनवाई में कोर्ट यह तय करेगी की सीबीआई द्वारा दायर चार्जशीट मान्य है या नहीं. जानकारी के अनुसार, सुनवाई में अगर चार्जशीट को मान्य करार देती है तो तेजस्वी यादव को इस मामले में जमानत लेनी पड़ेगी.
तेजस्वी से आठ घंटे तक हुई थी पूछताछ
बताया जा रहा है कि यह मामला लैंड फॉर जॉब मामले से जुड़ा एक अलग केस है. इस मामले में तेजस्वी के साथ ही लालू यादव को भी आरोपी बनाया गया है. वहीं इससे पहले के केस में राजद सुप्रीमो लालू यादव, बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी और बेटी और सांसद मीसा भारती जमानत पर हैं. वहीं इस मामले में सीबीआई ने तेजस्वी यादव से 11 अप्रैल को आठ घंटे पूछताछ की थी.
अब समझिए लैंड फॉर जॉब स्कैम…
यह मामला लालू यादव के 2004 से 09 के बीच रेल मंत्री रहते हुए समय का है. लालू यादव पर सीबीआइ ने आरोप लगाया है कि जमीन के बदले रेलवे के ग्रुप डी में कई लोगों को उनके प्रभाव के कारण नौकरी दी गयी. बाद में जमीन की रजिस्ट्री हो जाने के बाद नौकरी पक्की कर दी गयी. इसके बाद उन जमीनों को अधिक कीमतों पर बिक्री कर कॉमर्शियल उपयोग किया गया. इडी ने इस संबंध में कहा था कि यह घोटाला पूरे 600 करोड़ का है. जांच में पता चला है कि 350 करोड़ रुपए के प्लॉट और 250 करोड़ रुपए लेनदेन हुए हैं.