बिहार में एकबार फिर सियासत गरमायी हुई है. मंगलवार को तेजस्वी यादव ने पटना में प्रेस कांफ्रेंस किया. जातीगत जनगणना और बीपीएससी पेपर लीक के साथ-साथ कई मुद्दों पर तेजस्वी यादव ने सरकार को घेरा. जातीगत जनगणना को लेकर तेजस्वी यादव ने सरकार को 72 घंटे का अल्टीमेटम दे दिया है.
तेजस्वी यादव ने जातीय जनगणना के मुद्दे पर हमलावर होना शुरू कर दिया है. सोमवार को नेता प्रतिपक्ष ने कहा था कि अब देरी होने की स्थिति में वो बिहार से दिल्ली तक की पदयात्रा करेंगे. वहीं मंगलवार को अब नेता प्रतिपक्ष ने प्रेस कांफ्रेंस करके मुख्यमंत्री को 72 घंटे का अल्टीमेटम दे दिया. तेजस्वी ने कहा कि मुख्यमंत्री उन्हें मुलाकात के लिए बुलाएं. उन्होंने कहा वो सीएम से समय भी लेंगे और मुलाकात करके सबकुछ क्लियर करेंगे. तेजस्वी ने आंदोलन की भी चेतावनी दी.
जाति आधारित जनगणना को लेकर तेजस्वी यादव ने कहा कि अब इसमें देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. नीतीश सरकार को तत्काल कैबिनेट बैठक बुलाकर बिहार में जातीय जनगणना कराना होगा. तेजस्वी ने ऐसा नहीं होने पर सड़क पर उतरने की बात कही.
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बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में जातीय जनगणना के मुद्दे पर मुख्यमंत्री अपना रुख साफ करें. इस संदर्भ में 48 से 72 घंटे के अंदर मिलने का समय दें. इस मामले में बताएं कि जातीय जनगणना कराने में बाधा क्या है? कराना भी चाहते हैं कि नहीं. उन्होंने कहा कि मंगलवार को ही वह सीएम से समय मांगने जा रहे हैैं.
नेता विरोधी दल तेजस्वी ने कहा कि अगर सीएम अधिकतम 72 घंटे के अंदर मिलने का समय नहीं देते हैं तो राजद सड़क पर उतरने के लिए बाध्य होगी. राजद इन दोनों विषयों को कभी हाशिये पर नहीं जाने देगी. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने हालिया विधानसभा सत्र में आश्वस्त किया था कि वे इस मामले में सर्वदलीय मीटिंग बुलायेंगे. हालांकि इसमें कुछ हुआ नहीं. तेजस्वी ने सीएम की इस रवैये को ”डिले टेक्टिस ” करार दिया है
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार के लोग बिहार के असली मुद्दों से ध्यान हटा रहे हैं. बेरोजगारी, महंगाई, गरीबी, पलायन, जनगणना, राज्य का विशेष दर्जा- इनमें से किसी भी मुद्दे पर चर्चा नहीं हो रही है. हिंदू-मुसलमान, लाउडस्पीकर, बुलडोजर की चर्चा हो रही है.