पटना. बिहार सरकार के जेट और हेलीकॉप्टर खरीदने के फैसले में अब सियासी बयानबाजी तेज हो गयी है. भाजपा जहां इसे गैर जरुरी खर्च बता रही है वहीं सत्ता पक्ष का कहना है कि कब तक जहाज के लिए किराये का भुगतान किया जाये. गुरुवार को जब पत्रकारों ने तेजस्वी से इस मसले पर सवाल किया तो उपमुख्यमंत्री ने भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा कि बिहार के पास अपना कोई जेट नहीं है. अब बिहार के पास अपना जेट होगा, किराये का पैसा बचेगा.
तेजस्वी ने कहा कि पहले बिहार सरकार के पास जो जहाज हुआ करती थी, वो वर्षों पहले ग्राउंट हो चुकी है. अब तक बिहार सरकार किराये के जहाज से काम चला रही थी, लेकिन कब उसकी लीज खत्म हो रही है. नयी लीज में बहुत पैसा लगेगा. किराये के तौर पर सरकार का करोड़ों रुपया इस मद में खर्च होता रहा है, जो इस खरीद के बाद बचेगा. तेजस्वी ने सवाल किया कि भाजपा को इस पर आपत्ति क्यों है. किराये मद का पैसा बचेगा ये तो बेहतर है.
इधर, 356 वें प्रकाशोत्सव के मौके पर पटना साहिब स्थित तख्त श्री हरिमंदिर पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जेट और हेलिकॉप्टर खरीदे जाने पर सुशील मोदी के हमले का जवाब दिया. उन्होंने कहा कि गजब हाल है. पहले ई लोग कहते थे कि अपना जेट खरीदाना चाहिए और आज कुछ और बोल रहे हैं. क्या-क्या बोलते रहते हैं. जेट खरीदने की बात तो भाजपा के समय से ही चल रही थी.
27 दिसंबर को मुख्यमंत्री नीतीश की अध्यक्षता में बिहार कैबिनेट की बैठक हुई. जिसमें नेताओं और अफसरों के लिए एक जेट विमान और एक हेलिकॉप्टर खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी. नीतीश सरकार के इस फैसले को भाजपा सांसद सुशील मोदी ने गलत बताया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जेट और हेलिकॉप्टर नहीं खरीदती है, बल्कि इसे पट्टे पर लेती है. डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को यह लगता है कि वे बिहार के अगले सीएम बनेंगे, इसलिए उनके दबाव में इसे खरीदा जा रहा है.