बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने एक बार फिर भाजपा और केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि लोगों को बहरूपियों से सावधान रहने की जरूरत है. वो मीठा-मीठा बात कर वोट लेंगे और गायब हो जाएंगे. देश की सरकार चला रहे लोग नहीं चाहते हैं कि अंतिम पायदान पर बैठे लोग मुख्यधारा में आएं. उन्होंने आगे कहा कि देश की सामंतवादी ताकतें सामाजिक न्याय नहीं चाहती हैं. इन ताकतों को रोकने के लिए एकजुटता दिखानी होगी. हम सब को एक होना होगा. आप लोग सहयोग दें तो हम भाजपा को सत्ता से बाहर कर देंगे. उन्होंने यह बात रविदास चेतना मंच की तरफ आयोजित गुरू रविदास के 646 वीं जयंती समारोह में कही.
उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि गुरु रविदास ने समाज में फैले अंधविश्वास, छूआछूत जैसी सामाजिक बुराइयों से समाज बचाया. आज देश में फिर नफरत का जहर घोला जा रहा है. जोर देकर कहा कि जो लोग देश की सत्ता में है, उन लोगों की सोच है चंद लोग राज करें. लेकिन 2024 के चुनाव में बिहार तय करेगा की देश का अगला पीएम कौन होगा. आपको निर्णय करना है आपको किसके साथ रहना है. कहा कि ममता दीदी, आशा दीदी सबका मानदेय बढ़ाने जा रहे है.
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पूर्व मंत्री सह रविदास चेतना मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवचन्द्र राम ने कहा कि संत किसी जात के नहीं होते हैं, जमात के होते हैं. गुरु रविदास के विचारधारा पर चलकर हीं उनको सच्ची श्रद्धांजलि दी जा सकती है.
मंत्री आलोक कुमार मेहता ने कहा कि सही मायनों में रविदास चेतना मंच ने समाज के बीच चेतना का संचार करने का काम किया है. जिससे समाज में जागृति आई है. मंत्री सुरेन्द्र राम ने कहा कि ऊंच-नीच के भेद भाव को दूर करने का संदेश दे कर कर्म की प्रधानता को रविदास ने महत्व दिया था. मंत्री समीर कुमार महासेठ ने कहा कि जातीय गणना के बाद जो सबसे बड़ा लाभ हम सबों को होगा. उन्होंने कहा कि अनुसूचित आयोग का गठन किया जाये.
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रविदास चेतना मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवचन्द्र राम ने समाज की ओर से 10 सूत्रीय मांग पत्र उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद को सौंपा. इसमें शामिल मुख्य मांगों में बिहार विधानसभा परिसर में डॉ अंबेडकर की आदमकद प्रतिमा लगे. अनुसूचित जाति के आरक्षण को 16 से बढ़ाकर 25 प्रतिशत किया जाये. विकास मित्रों और ममता दीदियों का मानदेय बढ़े. निजी क्षेत्र सहित न्यायपालिका और प्रोन्नति में आरक्षण हो. रविदास और डॉ अंबेडकर की जीवनी को कक्षा एक से बारहवीं तक शामिल की जाये. कांशीराम को भारत रत्न दिया जाये, इत्यादि मांगे रखीं गयी.