पटना. कोतवाली थाने के अदालतगंज झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाली 12 साल की एक नाबालिग लड़की से एक 19 साल के लड़के द्वारा जबरन निकाह करने का मामला प्रकाश में आया है. हालांकि स्थानीय लोगों की जागरूकता व सक्रियता के कारण निकाह होने से बच गया और मजिस्ट्रेट व कोतवाली थाने की पुलिस पहुंच गयी. इस दौरान निकाह कर रहा लड़का एमाम हुसैन व उसके परिजन फरार होने में सफल रहे. एमाम हुसैन मूल रूप से पश्चिमी चंपारण के लौरिया के मिश्र टोला निवासी मो हारूण मियां का बेटा है.
खास बात यह है कि निकाह करवाने में नाबालिग लड़की की मां सहयोग कर रही थी, क्योंकि लड़का उसकी मौसी का बेटा है, जबकि पिता व नाबालिग लड़की इस निकाह का विरोध कर रहे थे. इधर, इस संबंध में नाबालिग लड़की के मां-पिता का बांड भरवा कर छोड़ दिया गया. मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में बांड पर लिखवाया गया कि अब इस तरह का कार्य नहीं करेंगे.
कोतवाली थानाध्यक्ष सुनील कुमार सिंह ने बताया कि माता-पिता को बांड भरवा कर छोड़ दिया गया. मजिस्ट्रेट सह पटना सदर सांख्यिकी पदाधिकारी मीना कुमारी ने बताया कि नाबालिग से जबरन लड़का निकाह कर रहा था. इस कार्य में नाबालिग की मां सहयोग कर रही थी. निकाह को रूकवा दिया गया हैै. माता-पिता से बांड भरवाया गया है और समय-समय पर नाबालिग पर नजर भी रखी जायेगी.
पिता के साथ ही मजदूर का करता था काम
नाबालिग के पिता भी बेतिया के रहने वाले हैं और पेंट का काम करते हैं. उनके साथ ही एमाम हुसैन भी रहकर मजदूर का काम करता था. इस दौरान वह नाबालिग के घर में ही रहता था और उसकी नीयत खराब हो गयी थी. इसके बाद वह नाबालिग पर हमेशा शादी करने का दबाव डालता था, लेकिन वह तैयार नहीं थी. उसके पिता भी जब विरोध करते थे तो एमाम हुसैन उनकी पिटाई कर देता था और नाबालिग की मां हमेशा एमाम के समर्थन में रहती थी.
बैंड-बाजे की आवाज सुन कर मुहल्लेवासियों को मिली निकाह होने की जानकारी
मंगलवार को नौ बजे सुबह ही एमाम हुसैन व उसके परिजन बैंड-बाजा लेकर नाबालिग के झोपड़ीनुमा घर में पहुंच गये. इसके बाद विधि-विधान से निकाह की तैयारी होने लगी. मुहल्ले के लोगों ने पता किया तो उन्हें जानकारी मिली कि 12 साल की बच्ची की शादी एक 19 साल के लड़के से जबरन की जा रही है. इसके बाद मुहल्ले वासियों ने हंगामा शुरू कर दिया और कोतवाली थानाध्यक्ष सुनील कुमार सिंह को पूरे मामले की जानकारी दे दी.
इसके बाद मजिस्ट्रेट के रूप में पटना सदर की सांख्यिकी पदाधिकारी मीना कुमारी व कोतवाली थाने की पुलिस नाबालिग के घर पर पहुंची. लेकिन इसी बीच लड़का व बैंड-बाजा वाले वहां से भाग गये. मजिस्ट्रेट व पुलिस नाबालिग व उसके माता-पिता को लेकर कोतवाली थाना पहुंची. जहां उसकी मां ने पुलिस को बताया कि वे लोग गरीब हैं और अभी केवल निकाह करा रहे थे. पांच-छह साल बाद ही बच्ची को लड़के साथ विदा करते. नाबालिग ने कहा कि शादी करने के लिए लड़का हमेशा उसके साथ मारपीट करता था. नाबालिग के पिता ने कहा कि वे शादी नहीं कराना चाहते थे, लेकिन लड़का हमेशा मेरे साथ मारपीट करता था और पत्नी उसके समर्थन में रहती थी.
Posted by: Radheshyam kushwaha