नेशनल हाइवे (एनएच) का सफर एक अप्रैल से महंगा हो जायेगा. नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने टोल टैक्स में 10 से 65 रुपये तक की बढ़ोतरी की है. साथ ही इसके लिए 2022-23 में टोल बढ़ोतरी की अधिसूचना जारी कर दी है. यह 31 मार्च के रात 12 बजे के बाद प्रभावी हो गयी.
इससे पहले वित्तीय वर्ष 2021-22 में भी पांच से 25 रुपये तक टोल टैक्स में बढ़ोतरी की गयी थी. रक्षा वाहन, अग्निशमन, एंबुलेंस, शव वाहन, वीआइपी साइन लगे वाहनों को टोल टैक्स नहीं देना पड़ेगा. इसके अलावा वीरता पुरस्कार परमवीर चक्र, महावीर चक्र, अशोक चक्र, शौर्य चक्र प्राप्त और सक्षम अधिकारी द्वारा प्रमाणित फोटो युक्त पहचान पत्र दिखाने वालों को भी टोल टैक्स नहीं देना पड़ेगा.
वाहन -यात्रा- वापसी- मासिक
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कार/जीप/वैन- 125रुपये-185- 4135
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मिनी बस-190रुपये – 285- 6310
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बस/ट्रक टू एक्सल वाहन- 380रुपये- 570- 12,650
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3-6 एक्स्ल कॉमर्शियल वाहन- 575रुपये- 860- 19,125
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ओवरसाइज कॉमर्शियल- 755रुपये- 1130रुपये- 25,105
बता दें कि टोल टैक्स को सरकार ने थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) से संबद्ध किया हुआ है. इसलिए राष्ट्रीय राजमार्गों पर हर साल टोल टैक्स में 8 से 12 फीसदी की बढोतरी हो रही है. यात्रियों के लिए किसी प्रकार की सुविधा बढ़ाए बगैर ही ये वृद्धि की जा रही है.
टोल टैक्स को डब्ल्यूपीआई से जोड़ने की नीति को लेकर काफी विवाद चलता रहा है. इसे कई जानकार गलत भी मानते हैं. उनका मत है कि डब्ल्यूपीआई का संबंध मंहगाई से है और पूरे साल राजमार्ग को इस कदर महंगा रखना गलत है.
टोलटैक्स के मुद्दे पर अपनी राय रखते हुए जानकार कहते हैं कि हर साल वाहनों की बिक्री में बढ़ोतरी ही हो रही है. टोल की दरें राजमार्ग परियोजना की लागत पर तय होना चाहिए. साथ ही साथ रोजाना राजमार्ग पर चलने वाली वाहनों से होने वाली आय के लेखा जोखा से ये तय होना चाहिए.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan