बिहार की बेरोजगारी दर बढ़ कर 14.5 प्रतिशत हो गई है. हालांकि पड़ोसी राज्य झारखंड में इससे भी ज्यादा बेरोजगारी दर 16.5 प्रतिशत है. वहीं बेरोजगारी का राष्ट्रीय औसत 7.6 प्रतिशत है. यह खुलासा देश में बेरोजगारी दर पर काम करने वाली एकमात्र संस्था सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनोमी (सीएमआईई) द्वारा जारी की गई ताजा रिपोर्ट से हुआ है. इस रिपोर्ट के अनुसार बेरोजगारी दर में बिहार इस साल छठे स्थान पर है. सीएमआईई के जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में सर्वाधिक बेरोजगारी हरियाणा में है, जहां 31.8 फीसदी बेरोजगारी दर पायी गई है
आंकड़ों में बताया गया है कि देश में सर्वाधिक बेरोजगारी दर हरियाणा में है, वहीं बेरोजगारी में दूसरे स्थान पर राजस्थान को पाया गया है. जम्मू-कश्मीर में बेरोजगारी दर 23.2 आंका गया है. देश में इस मामले में चौथे स्थान पर त्रिपुरा है जहां यह दर 17 फीसदी बताया गया है. इसके अलावा असम, हिमाचल, तेलंगाना, झारखंड और बिहार में बेरोजगारी डर राष्ट्रीय औसत से कम रही.
बिहार व झारखंड की स्थिति लगभग एक सी पायी गई है. बिहार 14.05 फीसदी बेरोजगारी दर के साथ देश में छठे स्थान पर है, वहीं इसका पड़ोसी राज्य झारखंड 16.5 फीसदी बेरोजगारी दर के साथ पांचवें स्थान पर है. प्राकृतिक संपदा से भरपूर झारखंड की स्थिति बिहार से भी खराब पायी गई है और इसने एक नई राजनीतिक बहस छेड़ दी है. माना जाता है कि बिहार प्राकृतिक संसाधनों की कमी के बावजूद नये उद्योग व व्यापार के नए अवसर खोजने में अधिक कामयाब रहा है.
बेरोजगारी दर के मामले में जारी आकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश, दिल्ली और उत्तराखंड के हालत बेहतर हैं. यूपी में बेरोजगारी दर 4.2, दिल्ली में 6.7 और उत्तराखंड में 3.4 फीसदी रही है. जारी आकड़ों के अनुसार रोजगार के मामले में सबसे बेहतर हालात मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के हैं. यहां क बेरोजगारी दर 1 प्रतिशत से भी कम है.
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सीएमआईई बेरोजगारी पर आंकड़े जारी करने वाला सबसे विश्वसनीय प्रतिष्ठान माना जाता है. बेरोजगारी दर के आकलन के लिए यह संस्था सरकारी स्रोतों से ही जानकारी जुटाता है. इसके ताजे आंकड़ों ने देश में एक बार फिर बेरोजगारी को लेकर बहस छिड़ गई है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनोमी के आंकड़ों के आधार पर केंद्र व राज्य सरकार की नीतियां भी तय की जाती है. संस्था सरकारी स्रोतों से जानकारी लेने के अलावा अपने स्तर से हर माह नियमित सर्वे कराती है और वैज्ञानिक तरीके से उनका परीक्षण कर अपना रिपोर्ट जारी करती है.
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बिहार 14.5%
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असम 8.1%
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हरियाणा 31.8%
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हिमाचल 8.6%
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जम्मू-कश्मीर 22.4%
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झारखंड 16.5%
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राजस्थान 30.7%
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तेलंगाना 8.8%
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त्रिपुरा 10.5%
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यूपी 4.2%
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दिल्ली 6.7%
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उत्तराखंड 3.4%
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छत्तीसगढ़ 0.9%
स्रोत – सीएमआईई