पटना. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को वित्त वर्ष 2023-24 का बजट पेश किया. उन्होंने बजट में कृषि क्षेत्र के लिए कई बड़े एलान किये हैं. सरकार ने इस साल किसानों को 20 लाख करोड़ रुपये तक कर्ज बांटने का लक्ष्य रखा है. इसमें 11 प्रतिशत की वृद्धि की गयी है. सरकार ने मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं लायी है. सरकार ने मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए ‘ श्री अन्न’ योजना शुरू की है. इसके जरिये देशभर में मोटे अनाज के उत्पादन और उसकी खपत को बढ़ावा दिया जायेगा. इसके लिए हैदराबाद स्थित भारतीय मोटा अनाज अनुसंधान संस्थान को एक वैश्चिक केंद्र बनाया जायेगा. बता दें कि ज्वार, रागी, बाजरा, कुट्टू, रामदाना, कांगनी, कुटकी, कोदो, चीना और समा जैसे कई प्रकार के मोटे अनाज देश में उगाये जाते है.
वित्त मंत्री ने गोवर्धन (गैल्वनाइजिंग ऑर्गेनिक बायो-एग्रो रिसार्सेज धन) योजना को बढ़ावा देने के लिए कई बड़ी घोषणाएं की हैं. इस योजना के तहत 500 नये ‘कचरे से संपदा’ निर्माण करने वाले संयंत्रों की स्थापना की जायेगी. इनमें शहरी क्षेत्रों में 75 संयंत्रों सहित 200 संपीड़ित बायोगैस संयंत्र लगेंगे. इसके अलावा 300 समुदाय या कलस्टर आधारित संयंत्र बनाये जायेंगे. इसके कुल 10,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जायेगा. बता दें कि मोदी सरकार ने जिसे गोवर्धन योजना की शुरुआत की थी, उसका उदेश्य ग्रामीण स्वच्छता को बढ़ावा देकर गांवों में मवेशियों के जैविक अपशिष्ट से धन व ऊर्जा का उत्पादन करना है.
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केंद्रीय बजट में कृषि और सहवर्ती क्षेत्र की घोषणाओं में राज्य को भी लाभ मिलेगा. मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए इंस्टीट्यूट्स ऑफ मिलेट्स बनेगा. मोटे अनाज पर केंद्रित इस बजट से बिहार में उत्पादन और रकबा में बढ़ोतरी की जाएगी. वर्तमान में बिहार में मोटे अनाज का कुल उत्पादन 3.55 लाख टन है. मोटे अनाज उत्पादन की वृद्धि दर 4.7 प्रतिशत है. मक्का की उत्पादन वृद्धि दर 5.0 प्रतिशत और उत्पादकता 5229 किग्रा प्रति हेक्टेयर रही है. ज्वार की 31.1 तथा बाजरा की उत्पादन की वृद्धि दर 16.4 फीसदी है. सरकार के इस फैसले से बिहार में मोटे अनाज का उत्पादन बढ़ेगा.